पश्चिमी दिल्ली के मायापुरी इलाके में नांगल राया गांव में बीते 45 सालों से हर रविवार को वीकली बाजार लगता आ रहा है और इस बाजार से साढ़े छह सौ दुकानदारों के लगभग तीन-साढ़े तीन हजारों परिवारों के घरों के चूल्हे जल रहे हैं. लेकिन 1 अगस्त को अचानक ही दिल्ली नगर निगम के एक नोटिस से इन वीकली बाजारों के दुकानदारों की रोटी पर आफत आ गयी है. जिसके विरोध में ये दुकानदार अब सड़क और उतर आए हैं.
दअरसल, एमसीडी ने यहां लगने वाले वीकली बाजार को खजाना बस्ती में शिफ्ट करने का आदेश जारी कर दिया है और एमसीडी की इस सुझाव पर पुलिस ने दुकानदारों को बाजार लगाने से रोक दिया है. और ये सब तब हो रहा है, जब राखी का त्योहार महज चंद दिनों के बाद है.
किसी तरह जुगाड़ कर पाते हैं दो वक्त की रोटी
ऐसे में दुकानदारों का कहना है कि, इससे उनका व्यापार प्रभावित हो जाएगा. दुकानदारों का कहना ही कि, पिछले लगभग 45 साल से वे सड़क के किनारे अपनी दुकान लगाते आ रहे हैं, और किसी तरह दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर पाते हैं. अब उन्हें यहां से हटाया जाएगा तो इसका असर सिर्फ उन पर ही नहीं बल्कि हजारों परिवारो पर भी पड़ेगा.
विधायक ने की बाजार को शिफ्ट करने की सिफारिश
दुकानदारों का आरोप है कि, चंद लोगों के कहने पर स्थानीय विधायक ने एमसीडी को पत्र लिख कर वीकली बाजार को शिफ्ट करने की सिफारिश कर दी. जबकि, के सड़क के किनारे छोटी सी जगज में अपनी दुकान लगाते हैं. उनका कहना है कि, वे किसी को कोई दिक्कत भी नहीं देते हैं, लेकिन विधायक ने न तो उनके बारे में सोचा और न ही उनसे बात की.
‘हम कहीं नहीं जाएंगे’
बाजार वालों का कहना है कि, यह फैसला बहुत ही जल्दबाजी में लिया गया जो सरासर गलत है. जिसका वो विरोध करते हैं. उन्होंने साफ कर दिया है कि वे दूसरी जगह नहीं जाएंगे, चाहे जितना दबाव आ जाए. उनका कहना है कि वे इसी जगह पर सालों से बाजार लगा रहे हैं और यहीं रहेंगे. सरकार से उनकी मांग है कि, हजारों परिवारों के हित को देखते हुए इस फैसले को वापस लिया जाए.
Delhi: मायापुरी के साप्ताहिक बाजार पर संकट, हजारों परिवारों पर मंडराया रोजी-रोटी का खतरा
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