Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच में 20 साल पुराने एक धोखाधड़ी के मामले में फरार चल रहे 63 साल के आरोपी को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से अरेस्ट कर लिया है. आरोपी राजेश राजपूत जो कभी खुद को एनजीओ संचालक बताता था. मेडिकल कॉलेज में दाखिले के नाम पर लाखों रुपये की ठगी के मामले में साल 2004 से पुलिस को चकमा देकर फरार चल रहा था.
दिल्ली पुलिस ने दी अहम जानकारी
दिल्ली के मुतबिक साल 2004 में दर्ज एफआईआर के मुतबिक डॉक्टर आर सी मोहर ने आरोप लगाया था कि उनके बेटे को एक प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में मैनेजमेंट कोटा के तहत एडमिशन दिलाने का झांसा देकर उनसे 4 लाख तक लिए गए. आरोपी राजेश और उसका गैंग हेल्पलाइन कंसलटेंट प्राइवेट लिमिटेड नाम के एनजीओ की आड़ में अखबार में विज्ञापन देकर भोले भाले पेरेंट्स को अपने जाल में फंसाते थे.
इस धोखाधड़ी का मामला शालीमार बाग के थाने में दर्ज हुआ और उसके बाद जांच ईओडब्ल्यू को सौंप दी गई. गिरफ्तारी के बाद जमानत पर छूटने के बाद राजेश कभी कोर्ट में पेश नहीं हुआ. फरवरी 2006 में कोर्ट ने उसे प्रोक्लेम ऑफेंडर घोषित कर दिया था.
दिल्ली पुलिस ने रणनीति बनाकर किया अरेस्ट
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में आरोपी को पकडने के लिए एक टीम का गठन किया. एक गुप्त सूचना मिली कि आरोपी सहारनपुर में छिपा है. इसके बाद पुलिस टीम ने 1 जुलाई की सुबह एक विशेष ऑपरेशन चलाकर उसे उसके घर से धर दबोचा. हालांकि शुरुआती पूछताछ में आरोपी ने अपनी पहचान छिपाने की कोशिश की, लेकिन दिल्ली लाकर की गई कड़ी पूछताछ में वह टूट गया और जुर्म कबूल कर लिया.
आरोपी का आपराधिक इतिहास
राजेश राजपूत, सहारनपुर का रहने वाला है और सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कर चुका है. उसके परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं. पूछताछ में खुलासा हुआ कि वह एक ठग गिरोह का हिस्सा था. जो मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला दिलाने का लालच देकर देशभर में कई अभिभावकों से ठगी करता था.
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Delhi: मेडिकल कॉलेज में दाखिले के नाम पर ठगी का मामला, 20 साल से फरार अपराधी गिरफ्तार
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