दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग ने एक बड़ा ही अजीब आदेश निकाला है. अब से दिल्ली सरकार का कोई भी मंत्री बैठक या फिर निरीक्षण के लिए किसी भी DM को सीधा नहीं बुला सकता है और DM को निरीक्षण और बैठक पर बुलाने के लिए अब दिल्ली सरकार के मंत्रियों को मुख्य सचिव की अनुमति लेनी होगी.
11 जुलाई को दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के सचिव-कम-डिविजनल कमिश्नर नीरज सेमवाल ने उपराज्यपाल कार्यालय, मुख्यमंत्री कार्यालय और मंत्रियों के कार्यालय को भेजे गए सर्कुलर में यह भी लिखा कि बैठक या फिर निरीक्षण के लिए DM को बुलाने के लिए मंत्री के विभाग को साथ ही यह भी बताना होगा कि किसी बैठक या निरीक्षण में DM की मौजूदगी क्यों जरूरी है.
कम से कम 48 घंटे पहले सूचना देनी होगी
इसके अलावा, सर्कुलर में यहां तक लिखा गया कि किसी भी प्रस्तावित बैठक के लिए मंत्री या विधायक को DM को कम से कम 48 घंटे पहले सूचना देनी होगी, ताकि DM अपने बाकी के कार्य के लिए योजना बना पाए.
सर्कुलर में यह भी कहा गया कि अगर किसी मंत्री के विभाग को लगता है कि बैठक या निरीक्षण के लिए DM की जगह ADM या फिर अन्य अधिकारी से काम चल जाएगा, तो मंत्री के विभाग को प्रेरित किया जाता है कि उन्हें बुलाया जाए.
अचानक बुलावे से DM के काम प्रभावित
इस सर्कुलर को जारी करने का कारण राजस्व विभाग ने सर्कुलर में ही बताया है और लिखा कि कई बार दिल्ली सरकार के मंत्री और विधायक जिला अधिकारी (DM) को विभिन्न मुद्दों पर बैठक के लिए बुला लेते हैं या क्षेत्रीय निरीक्षण में साथ चलने को कहते हैं.
लेकिन देखा गया है कि दिल्ली के विभिन्न जिलों स्थित जिला अधिकारियों के कार्यालयों से उन्हें अचानक बुलाना उनके न्यायिक, राजस्व और लोक शिकायत निवारण जैसे कार्यों में व्यवधान पैदा करता है. ऐसे में यह सर्कुलर जारी किया जा रहा है.
सर्कुलर पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंजूरी दी?
सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि सर्कुलर दिल्ली सरकार के राजस्व मंत्री की अनुमति से जारी किया गया है और दिल्ली सरकार में इस समय राजस्व विभाग खुद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के पास है.
ऐसे में मुख्यमंत्री का नाम ना लिखकर सर्कुलर में गोल-गोल राजस्व मंत्री लिख दिया गया, लेकिन सर्कुलर के दावों पर ही जाएं, तो राजस्व सचिव-कम-डिविजनल कमिश्नर के मुताबिक इस अजीब सर्कुलर पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंजूरी दी है.
हर राज्य में मंत्री की प्राथमिकता तय
दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग का सर्कुलर इसलिए अजीब लग रहा है क्योंकि चाहे पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश हो या फिर हरियाणा, या फिर राजस्थान, भारत के ज्यादातर राज्यों में बाकायदा मंत्रियों के लिए प्रोटोकॉल होता है.
जब भी कभी कोई भी राज्य का मंत्री कोई बैठक करता है या फिर निरीक्षण करता है, तो पूरा जिला DM से लेकर SDM, ADM, सभी अधिकारी प्रोटोकॉल के तहत मौजूद रहते हैं.
विपक्ष इसे मुद्दा जरूर बना सकती है
दिल्ली में जिस तरह से राजस्व विभाग ने DM को बैठक या निरीक्षण में मंत्री को बुलाने से पहले मुख्य सचिव की अनुमति और 48 घंटे पहले जानकारी देने की शर्त रखी है, उस पर अभी तक दिल्ली सरकार के किसी मंत्री की प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विपक्ष इसे मुद्दा जरूर बना सकती है.
Delhi News: अगर DM को बुलाना है, तो मंत्रियों को 48 घंटे पहले देनी होगी जानकारी, रेखा गुप्ता सरकार का नया नियम
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