संसद का मानसून सत्र चल रहा है और इस दौरान ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भी चर्चा हो रही है. इसी बीच मंगलवार (29 जुलाई, 2025) को बारामूला से सांसद इंजीनियर राशिद ने लोकसभा में बोलने को लेकर जमकर हंगामा किया. उन्होंने कहा कि डेढ़ लाख रुपये खर्च करके आया हूं फिर भी बोलने नहीं दिया जा रहा है.
उन्होंने अपनी स्पीच में पहलगाम आतंकी हमले को लेकर कहा कि मेरे पैगंबर का फरमान है कि जिसने एक बेगुनाह शहरी का क़त्ल किया, उसने सारी इंसानियत का क़त्ल किया. पहलगाम में जो हुआ, वो पूरी इंसानियत का क़त्ल था. हम कश्मीरियों से ज्यादा कौन पहलगाम में मारे गए उन लोगों के परिवारों का दर्द समझ सकता है. हम लोगों ने 1989 से आज तक ऐसे हजारों लोगों को खो दिया है.
आप देश को यूनाइटेड नहीं रख सके, तीन हिस्से कर दिए- राशिदसांसद राशिद ने कहा कि मैं ऐसी जगह से आता हूं, जहां से बॉर्डर बहुत ऊपर दिखता है. आपको कश्मीरियों के दिल जीतने होंगे. मैं देख रहा हूं कि आप में से किसी एक ने भी कश्मीरियों के लिए बात नहीं की. आज रूलिंग पार्टी और विपक्ष को यह तय करना होगा. उन्होंने आगे कहा कि देश आपको मिला 15 अगस्त 1947 को. जिन्ना हों, नेहरू हों, गांधी हों, सरदार पटेल हों, लियाकत अली खान हों. इंजीनियर राशिद ने कहा कि आप इंडिया को यूनाइटेड नहीं रख सके. आप ने तीन हिस्से कर दिए. भारत के तीन हिस्से कर दिए. कश्मीरियों को क्यों मार रहे हैं ? मैं पूछना चाहता हूं कि हमारा कुसूर क्या है? मैं पूछना चाहता हूं कि हमारे खून का जवाब कौन देगा?
इंजीनियर राशिद ने लोकसभा में कहा कि आपको हिंदू राष्ट्र बनाना है शौक से बनाओ, लेकिन मेरे जम्मू कश्मीर की डेमोग्राफी टच मत कीजिए. कश्मीर के कल्चर के साथ छेड़छाड़ नहीं कीजिए. पाकिस्तान के साथ जो करना है, करिए. हमें उससे क्या लेना है. आपका उनसे झगड़ा है हम बीच में मारे जा रहे हैं.
ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए इंजीनियर राशिद ने कहा कि जो जंगें लड़ी गईं उरी में लड़ी गई. कुपवाड़ा में लड़ी गईं. राजौरी में लड़ी गईं. आपके इलाकों में नहीं लड़ी गई. वहां पर कितने लोग मरे क्या आपको पता है? मीडिया के लिए ये इलाके हेडलाइन की वजह तब बनते हैं, जब वहां गोलिया चलती हैं. वहां कोई इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है.
टेरर फंडिंग मामले में जेल में बंद हैं सांसद इंजीनियर राशिद बता दें कि सांसद इंजीनियर राशिद टेरर फंडिंग मामले में जेल में बंद हैं. राशिद को UAPA के तहत 2019 में गिरफ्तार किया गया था. पिछले दिनों संसद सत्र में भाग लेने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने कस्टडी पैरोल दी. साथ ही कहा कि लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए जेल से लेकर संसद तक परिवहन और सुरक्षा व्यवस्था के लिए हर रोज 1.45 लाख रुपये अपनी जेब से खर्च करने होंगे.
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