UP Politics: उत्तर प्रदेश की सियासत में दलित वोटरों पर प्रभाव को लेकर बहुजन समाज पार्टी और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) यानि चंद्रशेखर आजाद के बीच तल्खियां बढ़ती जा रहीं हैं. सोमवार को एक्स पर मायावती ने चंद्रशेखर आजाद पर एक पोस्ट करते हुए निशाना साधा था. जिसमें बरसाती मेंढक जैसे शब्द का इस्तेमाल हुआ था. वहीँ अब चंद्रशेखर आजाद ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि ये पोस्ट उनके लिए नहीं बल्कि मीडिया के लिए था. उन्होंने आकाश आनदं पर तंज कसते हुए कहा जितना मेरे ऊपर हमला होगा मेरी पार्टी उतना मजबूत होगी.
चंद्रशेखर के जवाब के बाद माना जा रहा है कि दोनों दलों के बीच अभी और जुबानी जंग देखने को मिल सकती है क्योंकि बसपा सुप्रीमो मायावती उनके वोट बैंक पर किसी और को नहीं जमने देंगी तो चंद्रशेखर किसी भी कीमत पर अपनी जमीन तैयार करने में दिन-रात एक किए हैं.
मायावती का 'बरसाती मेंढक’ वाला बयान
बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को अपने एक्स हैंडल से एक पोस्ट में बिना नाम लिए चंद्रशेखर आजाद पर हमला बोला था. उन्होंने लिखा कि कुछ लोग मौसमी तौर पर उछल-कूद मचाते हैं और बीएसपी के दलित-मुस्लिम वोट बैंक को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं. मायावती की इस टिप्पणी को चंद्रशेखर आज़ाद के हालिया लखनऊ कार्यकर्ता सम्मेलन से जोड़ा गया. यहां उन्होंने दलित और मुस्लिम समाज से पार्टी के साथ जुड़ने की अपील की थी.
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अब चंद्रशेखर का पलटवार
वहीं अब चंद्रशेखर आज़ाद ने मायावती के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि यह टिप्पणी उनके लिए नहीं थी, बल्कि मीडिया के लिए थी. यही नहीं इसके साथ ही चंद्रशेखर आजाद ने आकाश आनंद पर निशाना साधते हुए कहा कि आकाश आनंद हमें जितने अपशब्द कहेंगे, हमारा कैडर उतना ही मजबूत होगा. हमारी पार्टी और कार्यकर्ता इन टिप्पणियों से और ताकतवर बन रहे हैं.
मायावती के बरसाती मेंढक वाले बयान पर चंद्रशेखर ने कहा कि उन्हें लगता है कि ये बयान मीडिया के लिए है, जो अक्सर गुमराह करता है. अगर ये बयान मेरे लिए था, तो जब मायावती ये बता दें कि मेरे लिए कहा है उन्होंने ये, तो मैं उन्हें जवाब दूंगा.
आकाश आनंद पर क्या बोले चंद्रशेखर आजाद?
आकाश आनंद को फिर से जिम्मेदारी मिलने पर नगीना सांसद ने कहा कि पहले भी जिम्मेदारी दी गई थी, नतीजे सबके सामने हैं. उन्होंने कहा राजस्थान ,मध्य प्रदेश हरियाणा में उनको ज़िम्मेदारी मिली वहां क्या हुआ .लोकसभा चुनाव में उनको जिम्मेदारी मिली वहां क्या हुआ. उन्होंने कहा समाज संघर्ष करने वालों के साथ है, न कि सिर्फ नाम के साथ.
आकाश द्वारा पिछले दिनों सांकेतिक रूप से चंद्रशेखर को लेकर टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विरोध स्वाभाविक है. आकाश जितनी गालियां देंगे, हमारे कार्यकर्ता उतनी मेहनत करेंगे. हम उन्हें जवाब शब्दों से नहीं, अपने काम से देंगे.
सियासी तनातनी का आधार क्या?
दरअसल यूपी में 21 प्रतिशत से ज्यादा दलित वोट है. 2012 में विधानसभा चुनावों में हार के बाद बसपा का ग्राफ लगातार नीचे गिरा है. और पिछले 2024 के लोकसभा चुनावों में उसे एक भी सीट नहीं मिली थी. जबकि चंद्रशेखर आजाद ने नगीना अरक्षित जोकि बसपा के पास थी वहां से चुनाव जीत लिया. चुनाव प्रचार में भी आकाश आनंद ने चंद्रशेखर को लेकर तीखे बयान दिए थे. लेकिन अब ये लड़ाई और तेज हो गयी है. देखना होगा कि दलित वोटरों की नाव का असली माझी कौन होगा.