गणेश चतुर्थी केवल धार्मिक उत्सव नहीं बल्कि सांस्कृतिक, सामाजिक और पर्यावरणीय चेतना का प्रतीक भी है. 10 दिनों तक चलने वाले गणेशोत्सव को लेकर लोगों में कई दिन पहले से ही उत्साह देखने को मिलता है. यह पर्व गणपति के स्वागत और पूजा-व्रत का विशेष अवसर है. गणपति उत्सव सिर्फ भक्त और ईश्वर को ही नहीं बल्कि परिवार, मित्र और समाज को भी जोड़ता है. इसलिए इसे आस्था, संस्कृति और समाज को एक सूत्र में पिरोने वाला उत्सव कहना गलत नहीं होगा.
गणेश उत्सव में 17 दिन शेष (Ganesh Chaturthi 2025 17 Days Remaining)
हिंदू कैलेंडर के मुताबिक गणेश चतुर्थी की शुरुआत हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होती है और अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) के दिन समाप्त हो जाती है. इस साल चुर्तथी तिथि की शुरुआत 26 अगस्त को दोपहर 01:54 से होगी और 27 अगस्त दोपहर 03:44 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. उदयातिथि के अनुसार यह पर्व बुधवार 27 अगस्त 2025 से ही गणेश उत्सव शुरू होगा. ऐसे में गणेश उत्सव की शुरुआत में अब सिर्फ 17 दिन ही शेष बचे हैं. बप्पा को घर पर लाने से पहले या अगर आप पहली बार गणेश चतुर्थी पर गणपति स्थापना कर रहे हैं तो आपको पहले से कौन सी तैयारियां करनी है, यह जान लें.
गणपति उत्सव से पहले क्या करें (Things To Do Before Ganpati Festival)
घर की साफ-सफाई- गणेश चतुर्थी के पहले घर की अच्छी तरह से साफ-सफाई कर लें और ऐसी चीजें जोकि काम की ना हो उसे बाहर निकाल दे. इस बात का ध्यान रखें कि बप्पा के आगमन से पहले घर साफ-सुथरा और सकारात्मक हो. खासकर पूजाघर, घर के कोने, पूजास्थल और मुख्य द्वार की सफाई जरूर करें.
पूजा सामग्री एकत्रित करें- गणेश चतुर्थी की शुरुआत से पहले पूजा से जुड़ी सभी चीजें बाजार से लाकर एकत्रित कर ले. जैसे- पूजा की चौकी, चौरस का कपड़ा, कलश, दीपक, घी आदि.
सजावट की चीजें- गणपति को घर लाने से पहले घर की सफाई के साथ ही साज-सजावट भी जरूरी है. इसलिए सफाई से जुड़ी चीजें जैसे रंगोली बनाने के लिए अबीर, लाइट्स, तोरण आदि भी पहले से लाकर इकट्ठा कर लें.
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q. गणेश चतुर्थी कितने दिनों तक मनाई जाती है?
A. गणेशोत्सव सामान्यतः 10 दिनों तक चलता है.
Q. गणपति विसर्जन कब किया जाता है?
A. गणेश चतुर्थी के 10वें दिन यानी अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश की प्रतिमा को जल में विसर्जित किया जाता है.
Q. गणपति स्थापना के लिए कौन-सी दिशा शुभ है?
A. उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) को गणपति की स्थापना के लिए सबसे शुभ दिशा माना जाता है.
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