Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी पर बनने वाले योग विद्या, व्यापार और वाणी के क्षेत्र में चमत्कारी परिवर्तन ला सकता है. ऐसे में इस बार बप्पा की पूजा का प्रभाव सामान्य नहीं, बल्कि भविष्य-निर्माता साबित हो सकता है. इस साल गणेश उत्सव की शुरुआत 27 अगस्त 2025 से हो रही है.
गणेश चतुर्थी 2025 की तिथि, तिथियों का संयोग और शुभ मुहूर्त , इस बार क्यों है यह खास?
विवरण
समय और तिथि
गणेश चतुर्थी 2025
बुधवार, 27 अगस्त 2025
चतुर्थी तिथि आरंभ
26 अगस्त 2025 को दोपहर 1:54 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त
27 अगस्त 2025 को दोपहर 3:44 बजे
पूजा का श्रेष्ठ समय
11:06 AM से 1:40 PM (स्थानीय मध्यान्ह मुहूर्त)
गणेश विसर्जन
6 सितंबर 2025 (अनंत चतुर्दशी)
27 अगस्त को बन रहा है दुर्लभ योग, विद्या, धन और वाणी में होगी क्रांति!
ज्योतिषीय घटनाएं जो इस बार विशेष हैं:
चंद्रमा: तुला राशि में, धार्मिकता और साहस का कारक
बुध: कर्क राशि में, वाणी, बुद्धि और व्यवसाय का शुद्ध संकेत
गुरु (बृहस्पति): मिथुन राशि में, ज्ञान, मार्गदर्शन और शिक्षा का विस्तार
क्या होगा इस योग का प्रभाव आपके जीवन पर?
क्षेत्र
संभावित प्रभाव
विद्यार्थी
कठिन परीक्षाओं में सफलता, विदेश से जुड़ी स्कॉलरशिप के योग बनेंगे
व्यवसायी
अचानक मुनाफा, नया प्रोजेक्ट या अप्रत्याशित डील मिलने की संभावना
सरकारी कर्मचारी
प्रमोशन, नई पोस्टिंग या मान-सम्मान का लाभ
कला क्षेत्र से जुड़े
फिल्म, संगीत, नृत्य में अद्भुत सफलता; नया मोड़ आ सकता है करियर में
धार्मिक-साधक
सिद्धि प्राप्ति का योग; गणपति साधना विशेष फलदायक
पूजा कैसे करें इस बार? विशेष उपाय और सिद्ध मंत्र
प्रातःकाल स्नान के बाद गणेश स्थापना करें (मिट्टी की मूर्ति)
दूर्वा, लाल फूल, मोदक और दूर्वांकुर अर्पण करें
विशेष मंत्रवक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ.निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
विशेष उपाय:
11 लड्डू चढ़ाकर 5 निर्धनों में बाँटें
अपने हस्ताक्षर के ऊपर चुटकी भर केसर रखें, सफलता के योग बढ़ेंगे
विद्यार्थियों को मूषक पर बैठकर गणपति का ध्यान करने से स्मरण शक्ति तीव्र होगी
देश और राजनीति पर क्या असर दिखेगा इस बार?
राजनीति में बड़े बदलाव, विपक्ष की रणनीति में नई योजना या गठबंधन की घोषणा संभव
शेयर बाजार में हलचल, IT और Education सेक्टर में तेजी
प्राकृतिक घटनाएं , हिमालयी क्षेत्रों में वर्षा और धार्मिक स्थानों पर भक्तों की भारी भीड़
गणेश चतुर्थी का सारगणेश चतुर्थी 2025 केवल एक धार्मिक तिथि नहीं, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से क्रांतिकारी क्षण है. चंद्र, बुध और गुरु के विशेष योग के साथ यह दिन आपके भाग्य परिवर्तन की कुंजी बन सकता है, बशर्ते आप इसे पहचानें और श्रद्धा से पूजा करें. इस दिन किए गए संकल्प और कर्म भविष्य में चमत्कारी रूप ले सकते हैं.
FAQsQ1. इस बार गणेश चतुर्थी पर कौन-सा योग बन रहा है?बुध, गुरु और चंद्र का त्रिकोणीय दृष्टि-संयोग.
Q2. क्या इस बार गणपति की स्थापना के विशेष नियम हैं?हां, तिथि और मुहूर्त अनुसार स्थापना करें और चंद्र दर्शन से बचें.
Q3. गणेश चतुर्थी पर कौन सा मंत्र सिद्ध माना जाता है?वक्रतुण्ड महाकाय… गणपति का प्रधान मंत्र है.
Q4. विसर्जन कब करना है?अनंत चतुर्दशी पर, 6 सितंबर 2025 को.
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