Gorakhpur News: यूपी के 68 और गोरखपुर के टॉप 10 माफियाओं की लिस्ट में शामिल सुधीर सिंह पर पुलिस का शिकंजा कस गया है. उसकी गिरफ्तारी के लिए गोरखपुर पुलिस और एसओजी टीम ताबड़तोड़ छापेमारी और दबिश डाल रही है. माफिया सुधीर सिंह के ऊपर तीन दर्जन से अधिक मुकदमें दर्ज हैं. तीन दिन पहले सरिया व्यापारी के यहां आयोजित भोज में सुधीर सिंह और उसके साथियों ने अंकुर शाही के गुट पर हमला कर दिया था. इसके बाद से ही पुलिस उसकी तलाश कर रही है.
माफिया सुधीर सिंह पिपरौली का ब्लॉक प्रमुख रहा है और बसपा के टिकट पर सहजनवा से विधानसभा चुनाव भी लड़ चुका है. हालांकि उसे जीत नहीं मिली. सुधीर सिंह ब्लॉक प्रमुख पिता सुरेन्द्र सिंह की हत्या का बदला लेने के लिए जुर्म की दुनिया में कदम रखा, उसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा.
गोरखपुर के टॉप 10 माफियाओं मे शामिल है नाम
जानकारी के अनुसार, गोरखपुर के गीडा थानाक्षेत्र के कालेसर का रहने वाला गैंगस्टर सुधीर सिंह की गोरखपुर की खजनी पुलिस और एसओजी टीम तलाश कर रही है. सुधीर सिंह यूपी के 68 माफियाओं की लिस्ट में शामिल है. गोरखपुर का टॉप टेन माफिया है. पिछले साल 13 जून 2024 को उसे आर्म्स एक्ट में दो साल की सजा भी हो चुकी है. अभी वो जमानत पर बाहर है. उसके ऊपर गोरखपुर के अलग-अलग थानों में 40 से अधिक मुकदमें दर्ज रहे हैं. कुछ मुकदमों में उसे राहत भी मिल चुकी है.
गोरखपुर के खजनी के बरडार में सरिया व्यापारी किशन जायसवाल ने 28 मई 2025 को अपने गोदाम पर बिटिया के जन्म की खुशी में पार्टी और भोज रखा था. किशन जायसवाल ने पार्टी में माफिया सुधीर सिंह और उसके विरोधी अंकुर शाही को भी बुलाया था. चुनावी रंजिश में दोनों गुटों के बीच मारपीट हो गई. मारपीट में दोनों पक्ष के लोगों को चोट आई.
सुधीर सिंह और उसके साथी पर केस दर्ज
आरोप है कि पार्टी में पहुंचे माफिया सुधीर सिंह और उसके साथियों ने बेलीपार के कुसमौल निवासी अंकुर शाही को मारपीट कर घायल कर दिया और वहां से फरार हो गए. अंकुर शाही की तहरीर पर पुलिस ने माफिया सुधीर सिंह और उसके साथी हिमाचल सिंह पर केस दर्ज किया है. वहीं माफिया के चाचा शैलेश सिंह ने अंकुर शाही, उसके साथी सूरज शाही व अज्ञात के खिलाफ तहरीर दी है. दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं.
बताया गया कि मई 2023 में माफिया सुधीर की एनबीडब्ल्यू में पुलिस ने जब तलाश शुरू की, तब वह 25 मई 2023 को श्यामदेउरवा थाना क्षेत्र में दो दशक पुराने लूट के मुकदमे में महराजगंज में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया. पूर्व में तीन से चार साल पहले उसे छह माह के लिए जिला बदर भी किया जा चुका है. उसी दौरान गोरखपुर में एक पारिवारिक समारोह में विवाद के बाद पुलिस से उसकी मुठभेड़ भी हुई थी. तब पुलिस टीम पर फायरिंग करते हुए चकमा देकर वो फरार हो गया था. पुलिस ने उस समय उसकी फॉर्च्यूनर कार बरामद की थी.
पुलिस बोली- जल्द गिरफ्तार अपराधी
यूपी में क्राइम कंट्रोल के लिए 25 मार्च 2022 को अभियान चलाकर माफियाओं की एक सूची तैयार हुई थी. इस सूची में प्रदेश भर से 68 माफिया चिन्हित किए गए. इसमें गोरखपुर जिले के चार माफियाओं का नाम भी शामिल रहा है. इसमें बीते साल एसटीएफ के हाथों विनोद उपाध्याय का एनकाउंटर चुका है. जबकि राकेश यादव, सुधीर सिंह और पूर्व विधायक राजन तिवारी का नाम दर्ज है. गोरखपुर के खजनी के सर्किल ऑफिसर उदय प्रताप सिंह ने बताया कि माफिया सुधीर सिंह की तलाश में पुलिस और एसओजी की टीमें लगी हैं. जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
माफिया पर दर्ज हैं 40 से अधिक केस
माफिया सुधीर सिंह के खिलाफ गोरखपुर, लखनऊ, गाजीपुर, बस्ती और महराजगंज में मारपीट, लूट, डकैती, हत्या और हत्या का प्रयास समेत अन्य गंभीर धाराओं में कुल 40 से अधिक आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं. गोरखपुर के शाहपुर और कैंट थाने में उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की धारा 3 (1) के तहत चार मुकदमें दर्ज हैं. सुधीर सिंह योगी सरकार की यूपी के माफियाओं की हिट लिस्ट में शामिल है. दो साल पहले साल 2023 के अक्टूबर माह में एक सप्ताह के अंदर उसकी 300 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्तियों को कुर्क किया जा चुका है.
अपराध से अर्जित संपत्ति की तलाश शुरू
पुलिस जांच में सामने आया कि माफिया ने करोड़ों की संपत्ति को हड़पने के लिए दान पत्र का इस्तेमाल किया. अक्टूबर 2023 में जप्त की गई संपत्तियों में गोरखपुर पुलिस को ऐसी 13 जमीनों के दस्तावेजों की जानकारी हुई है, जो सुधीर सिंह और उसके परिजनों की बेनामी संपत्तियों में शामिल है. इनमें से पांच संपत्तियों (भूमि) को कुर्क कर दिया गया. जबकि पहले भी कुर्की की कार्रवाई की जा चुकी है. पुलिस उसकी अपराध से अर्जित अन्य संपत्तियों की तलाश में जुटी है.
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