Greater Noida: ग्रेटर नोएडा में वकीलों ने की निजी हॉस्पिटल सीज करने की मांग, महिला के इलाज में लापवारही का मामला

by Carbonmedia
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ग्रेटर नोएडा के यथार्थ अस्पताल में महिला की पथरी सर्जरी के दौरान की गई लापरवाही के मामले ने तूल पकड़ लिया है. शुक्रवार (11 जुलाई) को पीड़िता के परिजनों और ग्रेटर नोएडा बार एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. नरेंद्र कुमार से मुलाकात कर यथार्थ अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष उमेश भाटी देवटा और पूर्व सचिव ने सीएमओ को बताया कि किस तरह यथार्थ अस्पताल प्रबंधन ने एक साधारण सर्जरी को जटिल बना दिया और लापरवाही के साथ साथ आर्थिक शोषण भी किया गया. अधिवक्ताओं ने अस्पताल को सीज करने की मांग उठाते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं आम जनता के जीवन के लिए खतरा हैं.
पेट में दर्द होने पर अस्पताल में कराया था भर्तीमामला अधिवक्ता धीरेंद्र भाटी की पत्नी राखी भाटी से जुड़ा है, जो जीटा-1 स्थित आम्रपाली ग्रैंड की निवासी हैं. उन्हें 31 मई को पेट दर्द की शिकायत के बाद यथार्थ  अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां अल्ट्रासाउंड जांच में पेट में दो पथरी होने की पुष्टि हुई थी. डॉक्टरों की टीम ने ऑपरेशन कर एक पथरी निकालने का दावा किया, लेकिन दूसरी पथरी को लेकर अस्पष्ट जवाब दिया गया.
धीरेंद्र भाटी ने जब डॉक्टरों से दूसरी पथरी की स्थिति पर सवाल उठाया, तो बताया गया कि वह जांच के लिए लैब भेज दी गई है. इस दौरान राखी को पेट में लगातार दर्द होता रहा. कुछ दिन बाद दोबारा अल्ट्रासाउंड कराने पर यह सामने आया कि पेट में फ्लूड (गंदा खून) जमा है, जो संक्रमण और गंभीर स्थिति की ओर इशारा करता है.
धीरेंद्र ने बताया कि उन्होंने जब दोबारा डॉक्टरों से संपर्क किया तो अस्पताल प्रबंधन ने अपनी गलती स्वीकार की, लेकिन किसी प्रकार की उचित चिकित्सकीय या आर्थिक राहत नहीं दी गई. इस लापरवाही से राखी को शारीरिक और मानसिक कष्ट झेलना पड़ा.
सीएमओ ने गठित की तीन सदस्यीय जांच कमेटीसीएमओ डॉ. नरेंद्र कुमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है, जो पूरे प्रकरण की स्वतंत्र जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. उन्होंने भरोसा दिलाया कि दोषी पाए जाने पर संबंधित अस्पताल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
इस पूरे घटनाक्रम ने न सिर्फ चिकित्सा क्षेत्र की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी उजागर किया है कि मरीजों के साथ लापरवाही और मनमानी वसूली का सिलसिला किस कदर गंभीर हो चुका है. बार एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे.

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