Hariyali Teej 2026: तीज का व्रत साल में 3 बार रखा जाता है. ये पर्व अखंड सौभाग्य का प्रतीक है. महिलाएं हरियाली तीज, हरतालिका तीज और कजरी तीज व्रत में पति की लंबी आयु, संतान की खुशहाली और सुयोग्य जीवनसाथी पाने की कामना से कठिन उपवास रखती हैं और शंकर भगवान-माता पार्वती की उपासना करती हैं.
हरियाली तीज सावन मास का सबसे महत्वपूर्ण पर्व हैं. हरियाली तीज को श्रावणी तीज के नाम से भी जाना जाता हैं. यह उत्सव भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता हैं.
2026 में हरियाली तीज कब है ?
हरियाली तीज का पर्व श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता हैं. अगले साल हरियाली तीज 15 अगस्त 2026 को मनाई जाएगी.
सावन शुक्ल तृतीया तिथि शुरू – 14 अगस्त 2026, शाम 06:46
सावन शुक्ल तृतीया तिथि समाप्त – 15 अगस्त 2026, शाम 05:28
पूजा मुहूर्त – सुबह 07:29 – सुबह 09:08
सौंदर्य और प्रकृति का पर्व
हरियाली तीज पर्व प्रकृति से जुड़ने का पर्व हैं. जब ये पर्व आता है तो हर तरफ हरियाली छा जाती हैं. पेड़ पौधे उजले उजले नजर आने लगते हैं. महिलाएं और युवतियां अपने हाथों पर तरह-तरह की मेहंदी लगाती हैं. इस दिन पैरों में आलता भी लगाया जाता है. यह महिलाओं की सुहाग की निशानी है. इस दिन महिलाएं श्रृंगार और नए वस्त्र पहनकर मां पार्वती की पूजा करती हैं.
सावन के महीने में जब संपूर्ण धरा पर हरियाली की चादर बिछी रहती है, प्रकृति के इस मनोरम क्षण का आनंद लेने के लिए महिलाएं झूले झूलती हैं, लोक गीत गाकर उत्सव मनाती हैं.
FAQs: हरियाली तीज
किस राज्य में मनाते हैं हरियाली तीज ?
यह राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है.
हरियाली तीज व्रत क्यों किया जाता है ?
इस दिन शिव जी और मां पार्वती के पूजन से सुहागिन महिलाओं को अपने पति की दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
सबसे पहले किसने किया हरियाली तीज व्रत ?
माता पार्वती ने हरियाली तीज व्रत सबसे पहले किया था. माता की कठिन तपस्या के बाद भगवान शंकर ने उन्हें 108वें जन्म में पत्नी के रूप में स्वीकार किया था.
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