Haryana: हिसार में प्रिंसिपल की हत्या के विरोध में प्राइवेट स्कूल बंद, सड़कों पर उतरे शिक्षक, छात्रों ने मारा था चाकू

by Carbonmedia
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हिसार में गुरु पूर्णिमा के दिन एक प्रिंसिपल की बेरहमी से हुई हत्या ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है. बात सिर्फ इतनी सी थी कि 10 जुलाई को प्रिंसिपल ने बच्चों को बाल कटवाकर आने को कहा था, जिसपर नाराज बच्चों ने प्रिसिंपल की चाकू मारकर हत्या कर दी थी. इस दर्दनाक घटना के विरोध में आज (16 जुलाई) पूरे हरियाणा में प्राइवेट स्कूल बंद रखे गए हैं. 
कुरुक्षेत्र के आर्य सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल बी. आर. सैनी ने इस घटना को शिक्षा जगत के लिए गहरा आघात बताया और इसे शर्मनाक करार दिया है. उन्होंने कहा कि गुरु पूर्णिमा जैसे पवित्र दिन जो कि गुरुओं का आदर सम्मान का दिन होता है उस दिन एक शिक्षक का विद्यार्थियों द्वारा मर्डर होना न केवल अमानवीय है बल्कि समाज के गिरते नैतिक स्तर को भी उजागर करता है.
स्कूल सेफ्टी एक्ट जल्द हो पारित- बी. आर. सैनी
प्रिंसिपल सैनी ने बताया कि इस घटना के विरोध में प्रदेशभर के निजी स्कूलों ने एकजुट होकर आज स्कूल बंद रखे हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षकों की सुरक्षा अब सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है और स्कूल परिसर में हो रही हिंसा की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. ऐसी घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार को स्कूल सेफ्टी एक्ट को तुरंत लागू करना चाहिए, ताकि शिक्षकों को एक सुरक्षित वातावरण में कार्य करने का अधिकार मिल सके.
शिक्षकों ने कानून बनाने की मांग की
प्रांतभर के शिक्षक संगठनों ने आज लघु सचिवालयों में एकत्र होकर विरोध दर्ज कराया. शिक्षकों का कहना है कि स्कूलों में लगातार हो रहे हमलों को लेकर प्रशासन को अब सख्त कदम उठाने होंगे. इन संगठनों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा, जिसमें शिक्षकों पर हो रहे हमलों को गंभीरता से उठाया गया और जल्द से जल्द कानून बनाने की मांग की गई है. उन्होंने चेताया कि यदि सरकार ने इस दिशा में जल्दी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया, तो आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है.
नाबालिग की परिभाषा पर फिर से विचार करे सरकार- शिक्षक
शिक्षकों ने यह भी मांग की है कि सरकार नाबालिग की परिभाषा पर पुनर्विचार करें. स्कूलों में पढ़ने वाले कुछ नाबालिग छात्र कानून की खामियों का फायदा उठाकर गंभीर अपराधों में संलिप्त हो रहे हैं। ऐसे में उम्र के आधार पर नहीं, अपराध की प्रकृति के अनुसार कार्रवाई होनी चाहिए. शिक्षकों का कहना है कि केवल शिक्षा देना ही उनका कार्य नहीं, बल्कि उनके जीवन की सुरक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है
अशोक यादव की रिपोर्ट

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