हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड इम्प्लॉइज, इंजीनियर व पेंशनर्ज की ज्वाइंट एक्शन कमेटी (JAC) ने हिमाचल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कमेटी बिजली बोर्ड के कार्यालयों के बाहर कर्मचारी संगठनों द्वारा धरना प्रदर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध और जॉइंट एक्शन कमेटी के पदाधिकारियों पर की गई कार्रवाई का विरोध कर रही है. कर्मियों पर की चार्जशीट को कमेटी ने प्रबंधन द्वारा प्रताड़ना की भावना से की गई कार्रवाई और ट्रेड यूनियन के अधिकारों पर हमला बताया है. उन्होंने इन आदेशों को तुरंत वापस लेने की मांग उठाई है.
कमेटी के पदाधिकारी ने क्या बताया?
कमेटी के पदाधिकारी देवेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि राज्य पदाधिकारियों की बैठक 20 जुलाई 2025 को हमीरपुर में हुई थी और बैठक के बाद पदाधिकारियों द्वारा लिए गए फ़ैसलों की जानकारी मीडिया को दी गई. वार्ता में कर्मचारियों के मुद्दों के साथ बिजली बोर्ड़ में पनप रहे भ्रष्टाचार पर चर्चा की गई थी. जिससे बिफरे बिजली बोर्ड के प्रबंधन ने कर्मचारी नेताओं को चार्जशीट कर दिया.
बोर्ड कर्मचारियों और पेंशनर्स में भारी आक्रोश- देवेंद्र
उन्होंने कहा कि ज्वाइंट एक्शन कमेटी काफी समय से बिजलीकर्मियों के लिए पुरानी पेंशन लागू करने, पेंशनर्स की लंबित वित्तीय देनदारियों को शीघ्र देने, आउटसोर्स कर्मियों को लेकर स्थाई नीति बनाने की मांग और बिजली बोर्ड के ढांचे के साथ छेड़छाड़ और युक्तिकरण के नाम पर पदों को समाप्त करने के विरोध में संघर्षरत है. प्रबन्धन वर्ग इन मुद्दों का वार्ता द्वारा समाधान करने के बजाए बिजली कर्मचारियों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला कर रहा है, जिससे बोर्ड कर्मचारियों और पेंशनर्स में भारी आक्रोश है.
ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है कि बोर्ड़ में चल रहे घटनाक्रम का संज्ञान लेते हुए भ्रष्ट अधिकारियों को बोर्ड से बाहर का रास्ता दिखाए जाए उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि प्रबंधन वर्ग और प्रदेश सरकार उनकी मांगों पर गौर नहीं करती है तो 7 अगस्त को इसके खिलाफ कर्मचारी, अभियंता, पेंशनर्ज और आउटसोर्स कर्मचारी शिमला में विशाल रैली की करेंगे.
Himachal: अब बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने खोला मोर्चा, 7 अगस्त को राज्य स्तरीय आंदोलन की चेतावनी
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