हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बादल फटने से आई बाढ़ के कारण अनाथ हुई 10 महीने की नीतिका को ‘राज्य की संतान’ (चाइल्ड ऑफ द स्टेट) घोषित किया गया है और सरकार ने उसकी शिक्षा एवं पालन-पोषण की पूरी जिम्मेदारी उठाने का संकल्प लिया है.
‘चाइल्ड ऑफ द स्टेट’ ऐसे बच्चे को कहा जाता है जिसकी देखभाल और कानूनी संरक्षकता सरकार के पास होती है. ऐसा अक्सर तब होता है जब बच्चे के माता-पिता की मौत हो जाती है या वे उसकी देखभाल करने में असमर्थ होते हैं.
यह पूरा मामला तलवाड़ा गांव का है जब एक जुलाई की रात को बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ में नीतिका के पिता रमेश (31) की मौत हो गयी थी, जबकि मां राधा देवी (24) और दादी पूर्णु देवी (59) अब तक लापता हैं.
रमेश घर में घुस रहे पानी को रोकने के लिए बाहर निकला था, जबकि उसकी पत्नी और मां मदद के लिए बाहर निकली थीं, लेकिन वे वापस नहीं लौटीं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नीतिका को हिमाचल प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत ‘राज्य की संतान’ घोषित किया गया है.
दीर्घकालिक योजना के तहत पालन-पोषण
हिमाचल प्रदेश के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा, ‘‘राज्य सरकार एक दीर्घकालिक योजना के तहत छोटी-सी लड़की के पालन-पोषण, शिक्षा और भविष्य की पूरी जिम्मेदारी लेती है. यह लड़की भविष्य में चिकित्सक, इंजीनियर या अधिकारी जो भी बनना चाहती है, सरकार उसका पूरा खर्च वहन करेगी.’’
राज्य में 2023 में शुरू की गई सुख-आश्रय योजना के तहत अनाथों (राज्य के बच्चों) को कई लाभ प्रदान किए जाते हैं, जिसमें 18 से 27 वर्ष की आयु के ऐसे अविवाहित अनाथों को भोजन, आश्रय, कपड़े, उच्च शिक्षा और कौशल विकास के अवसर प्रदान करना शामिल है, जिनके पास रहने के लिए कोई जगह नहीं है और बेरोजगार हैं.
बच्ची गांव में अपनी बुआ के साथ
इस घटना वाले दिन पड़ोसी प्रेम सिंह को नीतिका घर में अकेले रोती हुई मिली थी. उन्होंने नीतिका के रिश्तेदार बलवंत को इसके बारे में सूचना दी. इसके साथ ही बलवंत पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर के निजी सुरक्षा अधिकारी हैं. अभी बच्ची तलवाड़ा गांव से करीब 20 किलोमीटर दूर शिकौरी गांव में अपनी बुआ किरना देवी के साथ रह रही है.
Himachal: 10 महीने की अनाथ बच्ची नीतिका ‘चाइल्ड ऑफ द स्टेट’ घोषित, सरकार उठाएगी ये जिम्मेदारी
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