Hindi Panchang 31 May 2025: दैनिक पंचांग, शुभ योग के साथ जानें शुभ मुहूर्त, राहुकाल

by Carbonmedia
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Hindi Panchang 31 May 2025: 31 मई का दिन धार्मिक दृष्टि से बेहद खास है. इस दिन है. इस दिन वृद्धि, रवि योग और पुष्य नक्षत्र जैसे महत्वपूर्ण ग्रह-नक्षत्र बन रहे हैं. आइए जानते हैं शुभ समय, अशुभ काल, राहुकाल, ग्रह स्थिति और विशेष उपाय.


31 मई का पंचांग 2025 (Hindi Panchang 31 May 2025)









































तिथि पंचमी (31 मई 2025, रात 9.22 – 1 जून 2025, रात 8.15)
वार शुक्रवार
नक्षत्र पुष्य
योग वृद्धि, रवि योग
सूर्योदय सुबह 5.24
सूर्यास्त
शाम 7.14
चंद्रोदय
सुबह 9.23
चंद्रोस्त
रात 11.33
चंद्र राशि
कर्क

राहुकाल और अशुभ समय (Aaj Ka Rahu kaal)





















राहुकाल (इसमें शुभ कार्य न करें) सुबह 8.51 – सुबह 10.35
यमगण्ड काल दोपहर 2.03 – दोपहर 3.47
विडाल योग
रात 09.07 – सुबह 5.24, 1 जून
गुलिक काल सुबह 5.24 – सुबह 7.08

शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat): विवाह, व्यापार की शुरुआत, सोना-चांदी, वाहन की खरीदी, नए काम का आरंभ आदि करना शुभ फलदायी होता है.


स्नान-दान महायोग: यह दिन उन लोगों के लिए और भी खास है जिनके कार्यों में बार-बार बाधाएं आ रही हैं. कहते हैं कि अगर सच्चे भाव से शनिवार को शनि महाराज की उपासना और कुछ उपाय किए जाए, तो व्यक्ति को मानसिक तनाव, स्वास्थ्य समस्याएं और रिश्तों में चल रही अनबन से छुटकारा मिल सकता है. 


ग्रहों की स्थिति (Grah Gochar 31 May 2025)









































सूर्य वृषभ
चंद्रमा कर्क
मंगल कर्क
बुध वृषभ
गुरु मिथुन
शुक्र मीन
शनि मीन
राहु कुंभ
केतु सिंह

शनिवार का विशेष महत्व (Significance)



  • शनि की कृपा जीवन में सारे सुख प्रदान करती है यही वजह है कि हर शनिवार के दिन शनि देव का पूजन विशेष लाभदायी होता है. इसके प्रभाव से सुख-समृद्धि और तनाव दूर होता है.


क्या करें: (Kya Kare)



  • शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे गुड़ और चने का भोग लगाने से भाग्य में वृद्धि होती हैं.


क्या न करें: (Kya Nahi Kare



  • शनिवार काले कुत्तों को परेशान न करें.

  • भोजन में लाल मिर्च का इस्तेमाल न करें.


FAQs: 31 मई 2025



  1. Q.कौन सा योग बन रहा है ?
    वृद्धि, रवि योग और पुष्य नक्षत्र बन रहा है, जो शुभ माना गया है.

  2. Q. कौन-कौन से कार्य सफल रहेंगे?
    शनिदेव की आराधना के अलावा श्रमिकों को भोजन कराने से कार्य में सफलता मिलती है.


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