Hindi Panchang 4 अगस्त 2025,आखिरी सावन सोमवार का पंचांग, पूजा मुहूर्त, उपाय, मुहूर्त, किन राशियों को होगा लाभ जानें

by Carbonmedia
()

Hindi Panchang 4 अगस्त 2025: 4 अगस्त 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से बेहद खास है. इस दिन आखिरी सावन सोमवार है. जो लोग अभी तक जलाभिषेक नहीं कर पाएं हैं वो सावन के आखिरी सोमवार पर महादेव को एक बेलपत्र और जल अर्पित करने का अवसर न गवाएं. मान्यता है इससे पूरे सावन पूजा का फल प्राप्त होता है.
आइए जानते हैं ये दिन किन राशियों के लिए शुभ-अशुभ है, इस दिन का शुभ समय, अशुभ काल, राहुकाल, ग्रह स्थिति और विशेष उपाय भी जानें.
4 अगस्त का पंचांग 2025 (Hindi Panchang 4 August 2025)

तिथि

दशमी (3 अगस्त 2025, सुबह 9.42 – 4 अगस्त 2025, सुबह 11.41)

वार
सोमवार

नक्षत्र
अनुराधा

योग
ब्रह्म, सर्वार्थ सिद्धि, रवि योग

सूर्योदय
सुबह 5.38

सूर्यास्त
शाम 7.17

चंद्रोदय
दोपहर 3.32

चंद्रोस्त
रात 1.29, 5 अगस्त

चंद्र राशि
वृश्चिक

चौघड़िया मुहूर्त

सुबह का चौघड़िया

अमृत
सुबह 5.44 – सुबह 7.25

शुभ
सुबह 9.06 – सुबह 10.46

शाम का चौघड़िया

चर
रात 7.10 – रात 8.29

राहुकाल और अशुभ समय (Aaj Ka Rahu kaal)

राहुकाल (इसमें शुभ कार्य न करें)
सुबह 10.46 – दोपहर 12.37

यमगण्ड काल
दोपहर 12.27 – दोपहर 2.08

गुलिक काल
दोपहर 2.08 – दोपहर 3.48

विडाल योग
सुबह 9.12 – सुबह 5.45, 5 अगस्त

आडल योग
सुबह 5.44 – सुबह 9.12

भद्रा काल
सुबह 12.31 – सुबह 5.45, 5 अगस्त

ग्रहों की स्थिति (Grah Gochar 4 August 2025)

सूर्य
कर्क

चंद्रमा
वृश्चिक

मंगल
सिंह

बुध
कर्क

गुरु
मिथुन

शुक्र
मिथुन

शनि
मीन

राहु
कुंभ

केतु
सिंह

किन राशियों को लाभ

कुंभ राशि
व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन को संभालने में सक्षम होंगे.

वृषभ राशि
जीवन में शांति और खुशी आएगी. घर परिवार के लोगों के साथ अच्छा समय बीतेगा.

कौन सी राशियों संभलकर रहें

कर्क राशि
कोई पुराना रोग उभर सकता है, जिससे शारीरिक और मानसिक परेशानी बढ़ सकती है.

धनु राशि
अपने खानपान को संतुलित रखें क्योंकि, आपको मौसम से संबंधित बिमारियां परेशानी कर सकती है.

FAQs: 4 अगस्त 2025

Q.कौन सा उपाय करें ?तनाव, रोग, कर्ज, कलह से छुटकारा पाना है तो सावन के आखिरी सोमवार पर षडाक्षर स्तोत्र का पाठ करें.
Q. कौन से शुभ संयोग बन रहे हैं ?इस दिन रवि, सर्वार्थ सिद्धि और ब्रह्म योग का संयोग बन रहा है.

Swami Kailashananda Giri: शिव जी को बेलपत्र क्यों प्रिय है, स्वामी कैलाशानंद से जानें इसकी असली कहानी
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें. 

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment