HSGMC के काला दिवस कार्यक्रम पर कमेटी में क्लेश:मेंबर्स बोले- झींडा को प्रधान नहीं मानते; प्रधान बनने तक कांग्रेस का गुणगान; अब पलट गए

by Carbonmedia
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हरियाणा की कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में कल हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी (HSGMC) की तरफ इमरजेंसी की 50वीं बरसी पर काला दिवस मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम को लेकर कमेटी में क्लेश मचा हुआ है। कमेटी के आजाद मेंबर्स कार्यक्रम का विरोध कर रहे हैं। दरअसल, आजाद मेंबर्स ने अकाल पंथक मोर्चा नाम से अपना गुट बनाया हुआ है। इस गुट ने कमेटी के प्रधान जगदीश सिंह झींडा कई गंभीर आरोप लगाए और झींडा को कमेटी का प्रधान मानने से इनकार किया है। साथ ही उनसे मॉरल ग्राउंड पर खुद को प्रधान नहीं कहने की सलाह दी। इंस्टीट्यूट पर कब्जा की मंशा
कमेटी के मेंबर बलदेव सिंह कायमपुर ने आरोप लगाया कि मीरी-पीरी इंस्टीट्यूट पर झींडा कब्जा करना चाहते हैं, जबकि इंस्टीट्यूट रजिस्टर्ड ट्रस्ट के अधीन चल रहा है। इस इंस्टीट्यूट में हर रोज 600 से ज्यादा मरीजों को इलाज दिया जा रहा है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) सिर्फ सहयोग कर रही है। सरकार की शह पर कार्यक्रम मोर्चा के प्रमुख प्रकाश सिंह साहुवाला ने आरोप लगाया कि सरकार की शह पर इमरजेंसी पर काला दिवस मनाया जा रहा है। इस पर गुरुघर का पैसा खर्च होगा। झींडा लगातार यूनिवर्सिटी, कॉलेज बनवाने का दावा कर रहे हैं, मगर वे भूल गए कि ये जमीन गुरुघरों की है। उनको संगत ने सिर्फ केयरटेकर रखा है। अपना स्टैंड बताएं झींडा मेंबर हरमनप्रीत सिंह ने आरोप लगाया कि साल 2024 में हुए विधानसभा चुनाव में झींडा करनाल की असंध सीट पर कांग्रेस की टिकट मांग रहे थे। साल 2014 से प्रधान बनने तक झींडा कांग्रेस का गुणगान करते रहे। अब अपनी राजनैतिक लालसा के लिए पलटा मार लिया। झींडा को अपना स्टैंड संगत को बताना चाहिए। झींडा को प्रधान नहीं मानते
उधर, दीदार सिंह नलवी ने कहा कि कमेटी सिर्फ सरकार की मेहरबानी पर चल रही है। झींडा प्रधान नहीं है। आरोप लगाया कि 23 मई को झींडा ने गुंडागर्दी करके खुद काे प्रधान घोषित किया। एडजेक्टिव बोर्ड ने उनको कोई पावर नहीं दी। झींडा को मॉरल ग्राउंड पर खुद प्रधान नहीं कहना चाहिए। अपने दम पर कर रहे प्रोग्राम उधर, कमेटी के प्रधान जगदीश सिंह झींडा ने खुद पर लगे आरोप का बेबुनियाद बताया। साथ ही कार्यक्रम को लेकर कहा कि ये कोई राजनैतिक कार्यक्रम नहीं है। इसमें गुरुघर का 1 पैसा भी इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। वे अपने दम पर कार्यक्रम करवा रहे हैं। संगत को हर पैसे का हिसाब दिया जाएगा।

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