HTET का रिजल्ट जल्द होगा जारी:बोर्ड चेयरमैन बोले- उत्तरपुस्तिकाओं की स्कैनिंग का कार्य पूरा, चल रही जांच, सबसे ज्यादा अंग्रेजी में ऑब्जेक्शन

by Carbonmedia
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हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HBSE) के चेयरमैन डा. पवन कुमार ने कहा कि अध्यापक पात्रता परीक्षा (HTET) का परिणाम जल्द ही घोषित कर दिया जाएगा। इसको लेकर आंसर शीट की स्कैनिंग का कार्य पूरा हो चुका है। किसी भी परीक्षार्थी के साथ अन्याय ना हो, इसके लिए रिजल्ट को विभिन्न स्तरों पर जांच के बाद उसे जारी कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अध्यापक पात्रता परीक्षा के लेवल-1, लेवल-2 व लेवल-3 में परीक्षार्थियों से आब्जेक्शन दर्ज करवाने के बाद एक्सपर्ट का रिव्यू ले लिया गया है। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक ऑब्जेक्शन इंग्लिश विषय के आए है। जो ऑब्जेक्शन तकनीकी व तार्किक तौर पर सही है, उन्हें अंकों में परिवर्तित किया जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि आंसर की को रिवाइज नहीं किया जाएगा। यह बात उन्होंने भिवानी में पूर्व शिक्षाविद डा. आरडी वर्मा की स्मृति में आयोजित पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। सीईटी पैटर्न एचटेट से अलग
बोर्ड चेयरमैन डा. पवन कुमार ने कहा कि 30 व 31 जुलाई को आयोजित हुई एचटेट परीक्षा के परिणाम पूर्ण सतर्कता के साथ तैयार किए जाएंगे। जिन्हें जल्द ही घोषित कर दिया जाएगा। एक प्रश्र के जवाब में उन्होंने कहा कि सीईटी की परीक्षा पैटर्न अध्यापक पात्रता परीक्षा के पैटर्न से अलग था। क्योंकि हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा में तीन लेवल में परीक्षाएं हुई है। जो तीन विभिन्न कक्षाओं के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए अध्यापकों की योग्यता जांचने का कार्य परीक्षा के माध्यम से हुआ है। त्रिभाषी फॉर्मूले के तहत परीक्षार्थियों को दिया जाएगा अवसर
बोर्ड चेयरमैन डा. पवन कुमार ने कहा कि त्रिभाषी फॉर्मूला के तहत हरियाणा में संस्कृत के अलावा पंजाबी व उर्दू भाषा को भी पढ़ने का अवसर परीक्षार्थियों को दिया जाएगा। वहीं उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा विभिन्न भाषाओं की जननी है। जिसका प्रयोग आदी काल से होता आ रहा है। वहीं इस मौके पर उन्होंने दिवंग्त शिक्षाविद प्रो. आरडी वर्मा को श्रद्धांजलि दी तथा उनकी याद में काव्य संग्रह कविता क्यो का विमोचन भी किया। वही इस मौके पर पूर्व शिक्षाविद आरडी वर्मा की धर्मपत्नी अल्का वर्मा ने बताया कि प्रो. आरडी वर्मा के जीवित रहते इस पुस्तक के विमोचन को लेकर कार्य लगभग पूरा हो चुका था। इस पुस्तक का प्रकाशन ही शेष था। परन्तु उनके असामयिक निधन के चलते उनका विमोचन नहीं किया जा सका, जिसे अब पूरा किया जा सका।

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