Human Trafficking: मधुबनी में मानव तस्करों के चंगुल से 12 नाबालिग मुक्त, 2 लोग गिरफ्तार, SSB की बड़ी कार्रवाई

by Carbonmedia
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Madhubani Two Traffickers Arrested: मधुबनी के भारत-नेपाल सीमा पर मानव तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को एक बड़ी सफलता मिली है. सशस्त्र सीमा बल (SSB) की 48वीं वाहिनी के जवानों ने सजगता और साहस का परिचय देते हुए जयनगर के बल दिया चेक पोस्ट पर मानव तस्करी के एक बड़े प्रयास को नाकाम कर दिय. यह कार्रवाई रविवार की शाम भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा स्तंभ संख्या 270/13 से लगभग 30 मीटर भारत की ओर, बलदिया चेक पोस्ट पर की गई.
12 नाबालिग बच्चों को कराया गया आजाद 
इस कार्रवाई में 12 नाबालिग बच्चों और एक युवक को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराते हुए दो मानव तस्करों को गिरफ्तार किया गया है. काउंसलिंग के कार्य के बाद सभी बच्चों एवं गिरफ्तार आरोपियों पुलिस को सौंप दिया गया, जहां मामला दर्ज कर अग्रिम कानूनी प्रक्रिया हेतु जयनगर थाना को सौंप दिया गया.
रविवार की शाम भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा स्तंभ संख्या 270/13 से लगभग 30 मीटर भारत की ओर एसएसबी की कंपनी की कमला सीमा चौकी के सतर्क जवानों ने नियमित चेकिंग के दौरान मानव तस्करी की आशंका पर एक समूह को रोका. पूछताछ और दस्तावेजों की जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि उक्त नाबालिगों को नेपाल से अवैध रूप से भारत लाया जा रहा था. गिरफ्तार मानव तस्करों की पहचान पूछताछ के बाद उजागर की गई है.
इस कार्रवाई में 12 नाबालिग बच्चों और एक युवक को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराते हुए दो मानव तस्करों को गिरफ्तार किया गया है, जिनसे गहन पूछताछ की जा रही है. प्राथमिक तौर पर यह मामला संगठित मानव तस्करी रैकेट से जुड़ा प्रतीत हो रहा है, जिसे भारत के बड़े शहरों में बाल मजदूरी, घरेलू काम और अन्य अमानवीय कार्यों में इस्तेमाल के लिए अंजाम दिया जा रहा था.
इस सफल ऑपरेशन के बाद 48वीं वाहिनी SSB के कमांडेंट गोविन्द सिंह भण्डारी ने टीम की सराहना करते हुए कहा, “सीमा क्षेत्र में मानव तस्करी जैसी घिनौनी और अमानवीय गतिविधियों के विरुद्ध एसएसबी हमेशा चौकस है. यह कार्रवाई हमारे कर्तव्यनिष्ठ और सजग जवानों की तत्परता का परिणाम है. हम आगे भी ऐसी किसी भी गतिविधि को रोकने के लिए सतत प्रयास करते रहेंगे.”
भारत-नेपाल सीमा को मानव तस्करी के लिहाज से बेहद संवेदनशील माना जाता है. हर साल सैकड़ों मासूम बच्चे झूठे वादों, लालच और जबरन दबाव के चलते इस घिनौने कारोबार का शिकार बनते हैं. इन बच्चों को महानगरों में घरेलू मजदूरी, होटल-किराना दुकानों और फैक्ट्रियों में काम कराने के लिए बेच दिया जाता है. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों की रिपोर्टों में इस क्षेत्र को ‘हाई-रिस्क जोन’ के रूप में चिह्नित किया गया है.
आगे की क्या होगी कार्रवाई?
एसएसबी के जरिए पकड़े गए तस्करों के नेटवर्क का खुलासा करने के लिए गहन जांच की जा रही है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस कार्रवाई से जुड़े कई और नामों की तलाश जारी है. जरूरत पड़ने पर अन्य राज्यों की एजेंसियों से भी समन्वय किया जाएगा. एसएसबी जयनगर की यह कार्रवाई न केवल एक बड़ी सफलता है, बल्कि यह संदेश भी है कि भारत-नेपाल सीमा पर अब तस्करी के लिए कोई जगह नहीं बची है.
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