I, Me & Myself… पार्टनर बार-बार यूज करता है ये शब्द तो समझ जाएं ‘बीमार’ हो गया वह

by Carbonmedia
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हर कोई एक लविंग, केयरिंग और फीलिंग समझने वाला पार्टनर चाहता है. जब आप किसी के साथ डेटिंग करते हैं तो ये खूबियां तलाशते हैं. पर क्या कुछ दिन बाद आपको ऐसा महसूस होने लगता है कि पार्टनर आपकी बात को अनसुना कर रहा है? वह अपनी उपल​िब्धयों और खूबियों से ​​घिरा हुआ है, जिसका वह बखान करता है तो आपको सजग होना पड़ेगा. हो सकता है कि आप जिसके साथ डेट पर हैं, वह पार्टनर नार्सिसिस्ट हो. एक पर्सनालिटी डिसऑर्डर है, जिसका पहली बार मिलने पर व्य​क्ति में पता लगाना मु​श्किल होता है. हम कुछ ऐसे 10 साइन बताने जा रहे हैं, जिससे आसानी से पता लगा सकते हैं कि आपका पार्टनर नार्सिसिस्ट तो नहीं…
मैं, मुझे और खुद…की बात
डेटिंग के फर्स्ट फेज से आगे बढ़ते हुए जैसे ही आप अपने रिलेशन के प्रति सीरियस होते हैं. पार्टनर के शब्दों में बदलाव आने लगता है. वह बातचीत को खुद पर केंद्रित कर लेता है. आपकी बातें अचानक से मायने रखना बंद कर देती हैं. ऐसे लोग तभी आपकी बात सुनेंगे, जब आप उनके बारे में बात करेंगे.
मैं ही बेहतर
नार्सिसिस्ट करीबी लोगों से खुद को बेहतर मानते हैं. सामने वाले की उपलब्धियों को कम आंक सकते हैं. दूसरों की पसंद का मजाक बना सकते हैं.
लगातार बीच में बोलते हैं ऐसे लोग
नार्सिसिस्ट लोगों का ध्यान अपनी ओर आक​र्षित करने के लिए उत्सकु रहते हैं. इसलिए वह बातचीत के दौरान लोगों को टोकते हैं. ऐसा वह बार-बार करते हैं.
एक पल में बदल सकता है मूड
नार्सिसिस्ट का मूड अचानक से बदल सकता है. अगर वे खुश हैं तो प्यार और गर्मजोशी से पेश आ सकते हैं, वहीं अगर चीजें उनके हिसाब स न हों तो उनका व्यवहार रुखा हो सकता है, जिससे आप असहज महसूस कर सकती हैं.
रूल्स ब्रेक करने में समझते हैं शान
प​ब्लिक हो या फिर वर्क प्लेस, ऐसे रूल्स तोड़ने को अपनी शान समझते हैं. 
खुद को देखते हैं स्पेशल
नार्सिसिस्ट को लगता है कि वे स्पेशल हैं और दूसरों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण हैं. पूरी दुनिया को वह अपने इर्द-गिर्द घूमते देखना चाहते हैं. 
हर चीज में बेहतर दिखने की चाह
नार्सिसिस्ट हमेशा दूसरों से बेहतर दिखना चाहते हैं. उनकी ये चाह सिर्फ कपड़े, गैजेट तक सीमित नहीं दिखती है ब​ल्कि वह सोशल सोसाइटी में भी अपने व्यवहार व पर्सनलिटी के चलते दूसरों से बेहतर दिखने की को​शिश करते हैं.
आगे निकलने की होड़
आसपास के लोगों से आगे निकलने की होड़ रहती है. ये किसी भी फील्ड में हो सकती है, जैसे वर्क प्लेस, सोशल सर्कल या फिर रिलेशन. उनमें अपनी श्रेष्ठता साबित करने की चाह रहती है.
सहानुभूति की कमी
ऐसे लोग सामने वाले की फीलिंग्स और जरूरतों की कद्र नहीं करते. हालांकि पहली मुलाकात में आपको केयरिंग और लविंग नजर आ सकते हैं.
ट्रस्टेबल नहीं होते
जब आप मुसीबत में होते हैं या उनकी सबसे अ​धिक जरूरत महसूस होती है तो नार्सिसिस्ट आपके साथ खड़े नहीं दिखते.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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