Bihar News: बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर अब बदल चुकी है. राजधानी पटना का इंदिरा गांधी आयुर्वेद संस्थान (आईजीआईएमएस) पूर्वोत्तर भारत के बड़े अस्पतालों में शुमार हो चुका है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की परिकल्पनाओं पर आधारित कुल 1050 करोड़ रुपये की लागत से आईजीआईएमएस के कायाकल्प की योजना अब अंतिम चरण में है.
अगले महीने आईजीआईएमएस में बच्चों का कैंसर वार्ड, दो अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर, 20 बेड वाले क्रिएटिव केयर मेडिसीन इकाई, अत्याधुनिक फिजियोथेरेपी और दो दर्जन डायलिसिस मशीन का लोकार्पण किया जाएगा. शुक्रवार (23 मई, 2025) को स्वास्थ्य मंत्री ने 16 करोड़ की लागत से आईजीआईएमएस परिसर में चहारदीवारी, कंक्रीट सड़क, नाला और केबल ट्रेंच निर्माण कार्य का शिलान्यास किया. शिलान्यास समारोह की अध्यक्षता दीघा विधायक संजीव चौरसिया ने की.
आईजीआईएमएस का होगा कायाकल्प
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने आईजीआईएमएस को पूर्वोंत्तर भारत का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल विकसित करने के लिए कुल 1050 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. 750 करोड़ रुपये की परियोजना का काम पूरा कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि सरकार से 300 करोड़ की योजनाओं की स्वीकृति मिल चुकी है. आईजीआईएमएस में एमबीबीएस सीटों की संख्या बढ़कर अब 150 हो चुकी है. जल्द 1700 और नए बेड की व्यवस्था की जा रही है.
बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार जारी
ऐसे में मरीजों के लिए बेड की कुल संख्या 3400 हो जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को उन्नत किया जा रहा है. सरकार ने आईजीआईएमएस के लिए 300 करोड़ की कई अन्य नई योजनाओं को भी स्वीकृत दे दी है. पीएमसीएच की तरह आईजीआईएमएस में भी 76.47 करोड़ रुपए की लागत से मल्टी लेबल पार्किंग का निर्माण किया जाएगा. 96.36 करोड़ की लागत से लेक्चर थिएटर, 18.45 करोड़ रुपये की लागत से हॉस्टल, 91.70 करोड़ रुपए की लागत से आईजीआईएमएस परिसर में आठ मंजिला डेंटल अस्पताल भवन भी बनेगा.
ये भी पढ़ें- BJP ने तेजस्वी यादव को बताया फर्जी हिंदू, कहा- ‘विपक्ष के नेता हैं, लेकिन मजाल है…'