India Tour Of England : इंग्लैंड और भारत दोनों के लिए खेलने वाले इस भारतीय क्रिकेटर का नाम क्या है? सीरीज से पहले क्यों चर्चा में है

by Carbonmedia
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India Tour Of England : भारत और इंग्लैंड के बीच होने वाली पांच मैचों की टेस्ट सीरीज 20 जून 2025 से शुरू होने जा रही है. इस बार इस सीरीज में मुकाबला सिर्फ जीत और हार का नहीं होगा, बल्कि क्रिकेट जगत इस सीरीज में एक ऐतिहासिक बदलाव का भी गवाह बनेगी. इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के बीच हुई बातचीत के बाद इस सीरीज के दौरान दी जाने वाली “पटौदी ट्रॉफी” का नाम बदल दिया गया है. अब इस ट्रॉफी भारत का नाम क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर और इंग्लैंड के दिग्गज तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन के नाम पर रखा जाएगा. इस सीरीज में मिलने वाली ट्रॉफी को अब तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफीके नाम से जाना जाएगा.


पटौदी ट्रॉफी की शुरुआत 2007 में हुई थी और तब से यह इंग्लैंड में भारत-इंग्लैंड के बीच खेली जाने वाली टेस्ट सीरीज का प्रतीक रही है. 18 साल और 5 सीरीज के बाद अब इस ट्रॉफी को नाम बदलकर इसे नया नाम दिया जा रहा है.


क्रिकेट के इतिहास का अनोखा रिकॉर्ड


पटौदी ट्रॉफी का नाम जिस ऐतिहासिक पटौदी परिवार के नाम पर रखा गया था, उसके सदस्य इफ्तिखार अली खान पटौदी क्रिकेट इतिहास में एक अद्वितीय स्थान रखते हैं. वह टेस्ट क्रिकेट में दो देशो भारत और इंग्लैंड दोनों के लिए क्रिकेट खेलने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं. इफ्तिखार अली खान पटौदी, जिन्हें नवाब पटौदी सीनियर भी कहा जाता है, ने इंग्लैंड के लिए 1932 से 1934 के बीच 3 टेस्ट मैच खेले थे. इस टेस्ट मैच में उन्होंने 144 रन बनाए थे. उसके बाद 1946 में उन्होंने भारत की तरफ से इंग्लैंड के खिलाफ 3 टेस्ट में खेले थे जिसमे उन्होंने 55 रन बनाए थे.


उन्होंने इस सीरीज में  भारतीय टीम के लिए कप्तानी भी की थी. इस सीरीज में इफ्तिखार अली खान पटौदी की कप्तानी में भारत को दो मैचों में हार मिली थी और एक मुकाबला ड्रॉ हो गया था.


दो अलग-अलग टीमों के लिए खेलने का यह रिकॉर्ड  तीन और भारतीय खिलाड़ियों के पास हैं लेकिन अभी तक कोई भी खिलाड़ी इंग्लैंड के लिए खेलने मैदान में नहीं उतरा है. इंग्लैंड और भारत दोनों ही टीम के लिए टेस्ट खेलने का रिकॉर्ड सिर्फ इफ्तिखार अली खान पटौदी के नाम ही है.


उनके बेटे मंसूर अली खान पटौदी भी भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेल चुके हैं और वह भी भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तानों में से एक थे. उन्होंने 1960 और 70 के दशक में भारतीय क्रिकेट टीम का नेतृत्व किया और देश की क्रिकेट को नई पहचान दी थी. यही कारण था कि 2007 से भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जाने वाली टेस्ट सीरीज को पटौदी ट्रॉफी के नाम से जाना जाने लगा.


पटौदी ट्रॉफी का इतिहास और उनके आंकड़े


-पटौदी ट्रॉफी के तहत अब तक 5 टेस्ट सीरीज खेली गई हैं.


-इस सीरीज में इंग्लैंड इनमें से 3 बार ट्रॉफी जीत चुका है.


-भारत एक बार (2007) विजेता बना था और इसमे से एक सीरीज ड्रॉ रही थी.


-विजेता टीम को मिलने वाली ट्रॉफी का डिजाइन जोसलीन बर्टन ने किया था, जो 2012 में लंदन में प्रदर्शित भी हुई थी.


-किसी भी टीम को पटौदी ट्रॉफी को स्थायी रूप से अपने पास रखने के लिए सीरीज का जीतना जरूरी होता था. अगर सीरीज ड्रॉ हो जाती, तो ट्रॉफी पिछली विजेता टीम के पास ही रहती है.


 

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