IPL 2026 Players Trading Rule: IPL 2026 के ऑक्शन में अभी कई महीने बचे हैं, लेकिन खिलाड़ी ट्रेड विंडो में हलचल शुरू हो चुकी है. राजस्थान रॉयल्स के कप्तान संजू सैमसन के ट्रेड (Sanju Samson Trade) होने की खबर ने इस समय तूल पकड़ा है. चेन्नई सुपर किंग्स सहित और भी टीमों की नजर सैमसन को ट्रेडिंग के जरिए अपने टीम में शामिल करने की है. यहां जानिए कैसे ट्रेड होते हैं प्लेयर? डिटेल में समझिए क्या है खिलाड़ियों की ट्रेडिंग को लेकर नियम और प्रक्रिया.
आईपीएल 2026 के लिए खुल चुका है ट्रेडिंग विंडो
क्रिकबज के मुताबिक IPL 2026 की पहली ट्रेड विंडो IPL 2025 के खत्म होने के एक हफ्ते बाद यानी 10 जून, सुबह 9 बजे से शुरू हो चुकी है और यह IPL 2026 की नीलामी से एक हफ्ते पहले शाम 5 बजे तक चलेगी. दूसरी ट्रेड विंडो नीलामी के अगले दिन से शुरू होकर, सीजन शुरू होने से एक महीना पहले तक खुली रहेगी.
आईपीएल 2026 प्लेयर्स ट्रेडिंग नियम
नीलामी में खरीदे गए खिलाड़ी ट्रेड नहीं किए जा सकते.
विदेशी खिलाड़ी का ट्रांसफर तभी संभव है जब उनके क्रिकेट बोर्ड से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट(NOC) मिल जाए.
जिस भी खिलाड़ी को ट्रेड किया जा रहा है या जिस फ्रैंचाइजी के लिए वो खेल रहा है, उसे कोई अलग से पेमेंट नहीं किया जा सकता है.
खरीदने वाली फ्रेंचाइजी की जिम्मेदारी है कि वह यह जांचे कि जिस खिलाड़ी को ट्रेड किया जा रहा है, वह फिट है या नहीं. साथ ही वह जरुरी डॉक्यूमेंट्स पर साइन करने से पहले खिलाड़ी से मेडिकल जांच कराने के लिए भी कह सकती है.
दो विंडो के बीच खिलाड़ियों के ट्रेड होने की संख्या पर कोई सीमा नहीं है, लेकिन सैलरी कैप और स्क्वॉड संयोजन के नियमों का पालन करना जरूरी है.
एक खिलाड़ी को आईपीएल 2025 खत्म होने के बाद और आईपीएल 2026 शुरू होने से पहले सिर्फ एक बार ही ट्रेड किया जा सकता है.
अगर 15 करोड़ रुपये के किसी खिलाड़ी को ट्रेड किया जा रहा है, तो खरीदने वाली टीम के पर्स में 15 करोड़ रुपये कम हो जाएंगे. जबकि बेचने वाली टीम के पर्स में उतने ही रुपये बढ़ जाएंगे.
अगर किसी खिलाड़ी को कई टीमें चाहती हैं, तो सेलिंग फ्रेंचाइज़ी अन्य टीमों से बातचीत कर सकती है, लेकिन अंतिम फैसला खिलाड़ी की सहमति से ही होगा.
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