Jaipur News: जयपुर शहर में बीती रात जिस सेप्टिक टैंक की सफाई करते वक्त यूपी के चार मजदूरों की मौत हुई थी, वह एक बड़े कारोबारी की प्राइवेट फैक्ट्री में बना हुआ था. फैक्ट्री में ज्वेलरी का कारोबार होता था. जानकारी मिली है कि फैक्ट्री मैनेजमेंट ने मजदूरों को सेप्टिक टैंक में सोने चांदी गिरे होने का लालच देकर सफाई के लिए उतारा था. सफाई के लिए उतारे जाते वक्त उन्हें कोई सेफ्टी किट भी नहीं दी गई थी.
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने एक-एक करोड़ के मुआवजे की मांग
ऐसे में अब यह साफ हुआ है कि चार मजदूरों की मौत लापरवाही की वजह से हुई थी. जिस प्राइवेट फैक्ट्री के सेप्टिक टैंक में सफाई के दौरान मजदूरों की मौत हुई, वहां बुधवार को कांग्रेस पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल पहुंचा. हालांकि फैक्ट्री के मैनेजमेंट ने कुछ देर तक गेट ही नहीं खोला. प्रतिनिडधिमंल की अगुवाई पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने की.
कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने इस मौके पर मृतक मजदूरों के परिवार वालों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिये जाने और साथ ही फैक्ट्री मालिक के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज किए जाने की भी मांग की. इसके साथ ही इस मामले में इतने कठोर कदम उठाए जाने की मांग की गई ताकि भविष्य में लापरवाही के चलते मजदूरों को जान न गंवानी पड़े.
प्रताप सिंह खाचरियावास ने की राजस्थान और यूपी सरकार से मांग
पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने मजदूरों की मौत से जुड़े हुए इस मामले में राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से भी दखल दिए जाने की गुहार लगाई. मौत का शिकार हुए चारों मजदूर यूपी के ही रहने वाले थे. इनमें तीन अंबेडकर नगर जिले और एक सुल्तानपुर का था.
राजस्थान में चार दिन पहले बीकानेर में भी सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान तीन मजदूरों की मौत हुई थी. राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकार को पहले ही सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाने के लिए कड़े कदम उठाए जाने को कहा था. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने गहरी नाराजगी भी जताई थी. अगर सरकार ने वक्त रहते ठोस कदम उठा लिए होते तो शायद चार दिनों में हुई सात मजदूरों की मौत को रोका जा सकता था.
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