Jaipur: सॉल्वर बिठाकर 5 साल पहले क्वालीफाई किया NEET, डिग्री मिलने से पहले डॉक्टर और ट्रेनी के साथ गिरफ्तार

by Carbonmedia
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NEET UG Exam 2020: राजस्थान के जयपुर मेडिकल कोर्स में दाखिले के लिए होने वाली NEET परीक्षा से विवादों का नाता खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. साल 2020 की NEET यूजी परीक्षा में फर्जीवाड़े से जुड़े एक मामले का खुलासा करते हुए जयपुर पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए लोगों में एक आयुर्वेदिक डॉक्टर, जोधपुर एम्स से MBBS फाइनल ईयर का स्टूडेंट और भरतपुर मेडिकल कॉलेज का ट्रेनी डॉक्टर शामिल है. 


पांच साल बाद मामले का खुलासा होने से पूरी परीक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं. डमी कैंडिडेट बिठाकर फर्जीवाड़ा किए जाने का यह सौदा 60 लाख रुपए में तय हुआ था. कोर्ट ने गिरफ्तार डॉक्टर और मेडिकल स्टूडेंट को सात दिनों की कस्टडी में पुलिस को सौंप दिया है. 


सॉल्वर के सहारे से पास किया था नीट परीक्षा


जयपुर पुलिस को पिछले दिनों एक शिकायत की गई थी कि जोधपुर एम्स से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे फाइनल ईयर के स्टूडेंट सचिन गोरा ने 2020 की नीट परीक्षा में अपनी जगह सॉल्वर को बिठाया था. इसके लिए उसने आवेदन फार्म भरने से ही गड़बड़ी शुरू कर दी थी. उसने अपनी जगह सॉल्वर के रूप में 2019 में NEET क्वालीफाई कर चुके भरतपुर के मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट अमित गोरा की तस्वीर लगाई थी. सचिन और अमित दोनों ही भरतपुर जिले के रहने वाले हैं. 


सचिन गोरा और अमित गोरा की मुलाकात आयुर्वेद डॉक्टर और नार्मल हेल्थ ऑफिसर सुभाष सैनी ने कराई. सुभाष सैनी दलाली का काम करता था. सचिन गोरा के नाम पर डमी कैंडिडेट बिठाने का सौदा साठ लाख रुपए में तय किया गया था. पुलिस के मुताबिक सॉल्वर अमित गोरा की वजह से सचिन को 144वीं रैंक मिली थी. इसी वजह से उसका दाखिला जोधपुर एम्स में हो गया था. मेडिकल की पढ़ाई के दौरान भी उसके लगातार अच्छे नंबर आए. जबकि अमित गोरा को खुद 8 साल की तैयारियों के बाद कामयाबी मिली थी.


सचिन गोरा के खिलाफ पुलिस में शिकायत उसके ही एक रिश्तेदार ने करीब 20 दिन पहले की थी. इसके बाद जयपुर पुलिस ने पड़ताल शुरू की. सचिन गोरा को जोधपुर एम्स से पकड़ा गया था, जबकि उसकी जगह सॉल्वर के तौर पर बैठने वाले अमित गोरा को भरतपुर मेडिकल कॉलेज गिरफ्तार किया गया. हेल्थ ऑफिसर के पद पर काम करने वाले दलाल सुभाष सैनी की भी गिरफ्तारी हुई है. 


13 जून तक तीनों आरोपी पुलिस कस्टडी में 


जयपुर कमिश्नरेट के डीसीपी वेस्ट अमित बुडानिया के मुताबिक पुलिस ने फर्जीवाड़े से जुड़े हुए तमाम सबूत हासिल कर लिए हैं. इसके साथ ही जोधपुर एम्स और भरतपुर मेडिकल कॉलेज से भी और सबूत जुटाए जा रहे हैं. पुलिस के मुताबिक सुभाष सैनी ने साल 2013 की परीक्षा में भी 65 लाख रुपए लेकर गड़बड़ी की साजिश रची थी. गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपी 13 जून तक पुलिस की कस्टडी में रहेंगे.

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