Jalaun News: 1994 के डबल मर्डर केस में MP-MLA कोर्ट का फैसला, पूर्व MLA छोटे सिंह चौहान को आजीवन कारावास

by Carbonmedia
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जालौन में 31 वर्षों तक चले कानूनी संघर्ष के बाद आज अपर सत्र न्यायालय / एमपी-एमएलए कोर्ट ने 1994 के एक डबल मर्डर केस में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. जस्टिस भारतेंदु की अदालत ने वर्ष 2007 से 2012 तक कालपी से बसपा के विधायक रहे और वर्तमान में भाजपा नेता छोटे सिंह चौहान को दोषी ठहराते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. दरअसल, यह मामला 30 मई, 1994 का चुर्खी थाना क्षेत्र के विनौरा वैद गांव का है.
जानकारी के अनुसार, जगदीश शरण और राजकुमार उर्फ राजा भैया के साथ घर के बरामदे में बैठे हुए थे. तभी गांव के रुद्रपाल सिंह उर्फ लल्ले गुर्जर, राजा सिंह, संतावन सिंह गुर्जर, करन सिंह उर्फ कल्ले सहित कई अन्य लोग हथियारों से लैस होकर उनके घर में घुस आए और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. इस हमले में राजकुमार और जगदीश शरण की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया.
छोटे सिंह चौहान सहित 10 लोगों के खिलाफ दर्ज थी चार्जशीट
वहीं इस घटना के बाद पुलिस ने अपनी जांच में 10 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी, जिनमें छोटे सिंह चौहान भी एक प्रमुख आरोपी थे. गिरफ्तारी से बचने के लिए छोटे सिंह चौहान ने बाद में अदालत में आत्मसमर्पण किया. इस मुकदमे के चलते भी छोटे सिंह चौहान ने 2007 का विधानसभा चुनाव बसपा के टिकट पर लड़ा और कालपी से विधायक चुने गए.
पीड़ित पक्ष ने राज्यपाल के आदेश को SC में दी चुनौती
इस दौरान उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई और फिर एक बड़ा मोड़ तब आया जब राज्यपाल ने इस मामले को वापस लेने का आदेश दिया. इससे आरोपी के छूटने का रास्ता साफ हो गया था. पीड़ित पक्ष ने राज्यपाल के इस आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी.
सुप्रीम कोर्ट राज्यपाल के आदेश को किया था निरस्त
सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में राज्यपाल के आदेश को निरस्त कर दिया और निचली अदालत को मुकदमे की सुनवाई जारी रखने और इसे त्वरित गति से निपटाने का निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट के इसी आदेश के बाद से अदालत में सुनवाई फिर से शुरू हुई.
पूर्व विधायक को आजीवन कारावास की सजा
लंबी कानूनी लड़ाई के बाद, आज अदालत ने अपना फैसला सुनाया. न्यायाधीश भारतेंदु ने सुनवाई के बाद अभियोजन पक्ष की ओर से पेश सबूत और गवाह जुर्म साबित करने के लिए पर्याप्त थे. अदालत ने छोटे सिंह चौहान को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

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