Jammu and Kashmir Police: जम्मू-कश्मीर पुलिस पर क्रूरता का आरोप! CBI ने 6 अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया

by Carbonmedia
()

दो साल पहले एक साथी पुलिस कांस्टेबल पर क्रूर और अमानवीय हिरासत में यातना देने के आरोपों के मामले में सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के छह अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. अधिकारियों ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर दर्ज की गई अपनी प्राथमिकी में केंद्रीय एजेंसी ने पुलिस उपाधीक्षक ऐजाज़ अहमद नायको और 5 अन्य लोगों को नामजद किया है, जो उस समय संयुक्त पूछताछ केंद्र, कुपवाड़ा में तैनात थे.
डीएसपी नायको के अलावा, सब-इंस्पेक्टर रियाज अहमद और चार अन्य जम्मू-कश्मीर पुलिस अधिकारियों – जहांगीर अहमद, इम्तियाज अहमद, मोहम्मद यूनिस और शाकिर अहमद को कांस्टेबल खुर्शीद अहमद चौहान पर छह दिनों तक कथित तौर पर क्रूर और अमानवीय हिरासत में यातना देने के लिए प्राथमिकी में नामजद किया गया है. बारामूला में तैनात पीड़ित को एक मादक पदार्थ मामले की जांच के लिए कथित तौर पर कुपवाड़ा के एसएसपी के समक्ष उपस्थित होने के लिए 17 फरवरी, 2023 को एक सिग्नल संचार के माध्यम से बुलाया गया था.
पत्नी ने शिकायत में आरोप लगायापत्नी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि पहुंचने पर उसे संयुक्त पूछताछ केंद्र में सौंप दिया गया, जहां नायको, रियाज अहमद और अन्य ने खुर्शीद को छह दिनों तक लोहे की छड़ों और लकड़ी के डंडों से प्रताड़ित किया और उसे तेज बिजली के झटके भी दिए. यह शिकायत अब प्राथमिकी का हिस्सा है.
खुर्शीद की पत्नी जांच के लिए दर-दर भटकीखुर्शीद की पत्नी अपने पति के खिलाफ कथित अत्याचारों की जांच के लिए दर-दर भटक रही थी. उसकी शिकायत के आधार पर दर्ज की गई सीबीआई की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि तत्कालीन एसएसपी, कुपवाड़ा, जिनके कहने पर पीड़ित को मादक पदार्थों के एक मामले में जांच के लिए बारामूला से कुपवाड़ा भेजा गया था, “मूकदर्शक” बने रहे. एजेंसी ने अपनी प्राथमिकी में एसएसपी को आरोपी नहीं बनाया है.
सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटायाजम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की तरफ सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका खारिज किए जाने के बाद, खुर्शीद ने अपनी पीड़ा बताते हुए एक दर्दनाक याचिका सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. मामला सीबीआई को सौंपते हुए, सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि उच्च न्यायालय ने “नागरिक के मौलिक अधिकारों, उसकी गरिमा और जीवन के अधिकार की रक्षा करने के अपने संवैधानिक दायित्व का पालन करने में घोर भूल की है. न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने कहा, “यह किए गए अपराधों की गंभीरता और पुलिस अधिकारी होने के नाते आरोपी व्यक्तियों द्वारा डाले जा सकने वाले प्रभाव पर विचार करने में विफल रहा.”
50 लाख रुपये का मुआवज़ा देने का भी आदेशसर्वोच्च न्यायालय ने खुर्शीद को 50 लाख रुपये का मुआवज़ा देने का भी आदेश दिया, जो संबंधित अधिकारी/अधिकारियों से वसूला जाएगा, जिनके खिलाफ सीबीआई की तरफ से जांच पूरी होने पर विभागीय कार्यवाही शुरू की जाएगी.सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया कि चोटें पीड़ित द्वारा आत्महत्या के प्रयास का परिणाम थीं.
ये भी पढ़ें: ‘एकदम गलत, हम तो हैरान हैं ऐसी दलीलों पर’, बंगाल सरकार की OBC लिस्ट पर रोक लगाने के हाईकोर्ट के फैसले से क्यों नाराज हुए CJI गवई

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment