अनुच्छेद 370 को हटाने की छठी वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने घाटी भर के आतंकवाद पीड़ितों के 158 परिवारों को नियुक्ति पत्र सौंपे. श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र (SKICC) में आयोजित एक समारोह में आतंकवाद पीड़ितों के परिजनों को नियुक्ति आदेश सौंपे गए.
आतंकवादी हिंसा के पीड़ितों के परिजनों की नियुक्ति, उपराज्यपाल के नेतृत्व वाले जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से की जा रही है. यह आतंकवादी हमलों में अपने प्रियजनों को खोने वालों की सहायता के लिए जारी एक पहल का हिस्सा है.
आतंकवाद पीड़ित 158 परिवारों को नियुक्ति पत्र
अधिकारियों के अनुसार, यह एक बड़े प्रयास का हिस्सा है, जिसके तहत ऐसे 250 परिवारों को नियुक्तियां प्रदान की जाएंगी. इनमें से 158 को मंगलवार को पत्र दिया गया, जबकि बाकी लाभार्थियों को आने वाले दिनों में जिला स्तर पर उनके नियुक्ति आदेश सौंपे जाएंगे.
घाटी के अलग-अलग हिस्सों से पीड़ितों को नौकरी
ये परिवार घाटी के विभिन्न हिस्सों से हैं, जिनमें उत्तरी कश्मीर में बारामूला, बांदीपोरा और कुपवाड़ा शामिल है. मध्य कश्मीर में बडगाम, गांदरबल और श्रीनगर शामिल हैं और दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, शोपियां और अनंतनाग भी है. आतंकवादी संगठनों की ओर से की गई हिंसक घटनाओं में अपने परिवार के सदस्यों को खोने के बाद इन पीड़ितों ने दशकों तक कष्ट सहा है.
LG मनोज सिन्हा ने क्या कहा?
इस मौके पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त की और उनके दर्द और सहनशीलता को स्वीकार किया. उन्होंने उन लोगों को न्याय और सार्थक सहायता प्रदान करने के लिए प्रशासन की प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जो लंबे समय से चुपचाप कष्ट सह रहे हैं.
13 जुलाई को 40 परिवारों को दिया था नियुक्ति पत्र
यह जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा निरंतर किए जा रहे प्रयासों का एक हिस्सा है. इससे पहले 13 जुलाई को, बारामूला में आतंकवाद पीड़ितों के 40 निकटतम परिजनों को नियुक्ति पत्र दिए गए, इसके बाद 28 जुलाई को जम्मू में 80 परिवारों को नियुक्ति पत्र दिए गए. इस पहल का उद्देश्य केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद से बुरी तरह प्रभावित लोगों को पहचान और पुनर्वास प्रदान करना है.
Jammu Kashmir: आतंकवाद पीड़ित परिवारों को मिली नौकरी, LG मनोज सिन्हा ने सौंपे नियुक्ति पत्र
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