Jharkhand: खरसावां में भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद, नक्सली आतंक के शक में जांच जारी

by Carbonmedia
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Jharkhand News: झारखंड के सरायकेला खरसावां जिले के खरसावां थाना क्षेत्र के सीमावर्ती क्षेत्रों में थाना प्रभारी, थाना सेट-1 की टीम और CRPF की 60वीं बटालियन की टीम को जंगलों में चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान भारी मात्रा में एक्सप्लोसिव बरामद हुए हैं. इसमें विस्फोटक, केन बम, डेटोनेटर समेत कई अन्य विस्फोटक सामान बरामद किए गए हैं.
रीडिंग पंचायत के सीमावर्ती क्षेत्र के गोबरगोता पहाड़ी के टॉप पर पुलिस की टीम और CRPF की 60वीं बटालियन को यह कामयाबी मिली. सर्च ऑपरेशन के दौरान करीब 29 केन बम सीरीज में जुड़े हुए बरामद किए गए. इसके अलावा, कई विस्फोटक पदार्थ मिले. पुलिस और सुरक्षा बलों को 500 पीस जिलेटिन भी मिला.
केन बम और विस्फोटक को जंगल में नष्ट किया गया
शनिवार (28 जून) की दोपहर सभी ने केन बम और विस्फोटक को जंगल में ही नष्ट कर दिया गया. केन बमों को नष्ट करने के दौरान जंगल में जोरदार धमाका भी हुआ, जिसके बाद पूरा जंगल धुआं-धुआं हो गया. इधर जोरदार धमाके की आवाज सुनकर आसपास के लोगों के बीच यह चर्चा का विषय बना हुआ है. 
रविवार (29 जून) को पुलिस प्रशासन ने इसकी आधिकारिक पुष्टि की. जिस जगह बम और विस्फोटक मिले, वहां भौगोलिक दृष्टिकोण से पहुंचना काफी कठिन है. पूरा क्षेत्र घने जंगलों और पहाड़ों से घिरा है. यह इलाका खरसावां थाना क्षेत्र का सीमावर्ती क्षेत्र है और इसकी सीमा रांची जिला के तमाड़ थाना क्षेत्र से सटी है. खरसावां के पहाड़ी क्षेत्रों में सर्च ऑपरेशन चलाया गया.
यह हुआ बरामद
नक्सलियों द्वारा पूर्व से छुपाए गए बम की सूचना पर यह कार्रवाई की गई है. उक्त नक्सली डंप को सुरक्षा बलों द्वारा ध्वस्त कर दिया गया है और मामला दर्ज कर गहन जांच की जा रही है. यह हुआ बरामद
विस्फोटक ( सफेद रंग) – 5 किलोग्रामकेन बम – 29 (तीन किलो के 5 पीस, एक किलो के 14 पीस, 500 ग्राम के 9 पीस, 100 ग्राम के एक पीस)इलेक्ट्रिक डेटोनेटर – 500 पीसकॉमर्शियल कोरडैक्स वायर – 9 बंडल (प्रत्येक 100 मीटर)इलेक्ट्रिक  वायर – 4 बंडलनेफ्थलीन गोली – 1 किलोग्राम
कानून व्यवस्था ठप
28 सितंबर 2023 को कोल्हान के तत्कालीन DIG अजय लिंडा ने वीडियो जारी करते हुए घोषणा की थी कि जिला पूरी तरह से नक्सली मुक्त हो चुका है. इसके बाद 30 जून को अचानक पुलिस ने ही आधिकारिक सूचना जारी करते हुए व्हाट्सएप के माध्यम से तस्वीरे शेयर कीं. 
इसके बाद मजदूर और ग्रामीण तबके के लोग डरे सहमे से महसूस कर रहे हैं. वह निर्णय नहीं कर पा रहे हैं कि पुलिस तब सच बोल रही थी या अब सच बोल रही है. हत्याएं और चोरी की घटनाएं आम हो चुकी हैं. जहां टाटा स्टील जैसी बड़ी फैक्ट्री में चोरी करते चोरों का पूरा जत्था रंगे हाथ पकड़ा गया.

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