झारखंड स्थित धनबाद में जमुनिया के पास खदान के ढहने की खबर से हड़कंप मच गया है. दावा किया जा रहा है कि अवैध खनन के दौरान कई मजदूर खदान में फंस गए हैं, लेकिन अब तक घटनास्थल की पुष्टि नहीं हो सकी है, जिससे राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) बचाव कार्य शुरू नहीं कर पाया.
गिरिडीह सांसद सी.पी. चौधरी और पूर्व मंत्री सरयू राय सहित कई नेताओं ने घटना को गंभीर बताते हुए मौतों की आशंका जताई है, वहीं जिला प्रशासन और बीसीसीएल (Bharat Coking Coal Limited) ने घटना से इनकार किया है.
नेताओं ने लगाए गंभीर आरोप
सी.पी. चौधरी ने बुधवार (24 जुलाई) को बाघमारा थाने के बाहर धरना दिया और घटना में नौ मजदूरों की मौत का दावा किया है. जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय ने घटना को ‘सबूत नष्ट करने के लिए ताजी मिट्टी से ढकने’ की साजिश बताया और कहा कि करीब 15 मजदूरों की मौत छिपाई जा रही है.
राय ने आरोप लगाया कि खनन माफिया, बीसीसीएल और पुलिस की मिलीभगत से अवैध खनन जारी है. सांसद चौधरी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर बताया कि उन्होंने मृतकों को निकालने तक धरना जारी रखने की चेतावनी दी.
बचाव कार्य अटका, प्रशासन ने दी सफाई
NDRF अधिकारी ने पीटीआई को दिए बयान में बताया कि “काफी समय तक दुर्घटनास्थल की सही जानकारी नहीं मिल पाई है, इसलिए कोई राहत कार्य शुरू नहीं किया जा सका था.” इसके बाद धनबाद के डीसी आदित्य रंजन ने पुष्टि की कि बताए गए स्थान पर NDRF भेजी गई है, लेकिन वहां किसी खदान ढहने के साक्ष्य नहीं मिले.
बता दें कि मौके पर राहत कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल यानी NDRF की 33 सदस्यीय टीम तैनात की गई है, जिसका नेतृत्व अधिकारी संतोष पठानिया कर रहे हैं. इसके साथ ही बीसीसीएल की माइंस रेस्क्यू टीम भी मौके पर मौजूद है और संयुक्त ऑपरेशन के लिए तैयार है.
लापता मजदूरों के परिवारों की चिंता
इस बीच, गिरिडीह के ताराटांड इलाके से चार मजदूर लापता हैं जो बाघमारा के लिए रवाना हुए थे. 35 वर्षीय अजीज अंसारी, अफजल अंसारी, 32 वर्षीय दिलीप साहब और 30 वर्षीय जमशेद अंसारी की पहचान हुई है. परिजनों का कहना है कि वे खदानों में काम करते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें घटनास्थल पर जाने नहीं दिया.
विवाद गहराया, विपक्ष ने उठाए सवाल
‘ऑल झारखंड स्टूडेंट मूवमेंट (AJSU) सांसद ने आरोप लगाया कि जब वह घटनास्थल पर पहुंचे तो प्रशासन की मौजूदगी में कोयला माफिया ने उनका विरोध किया. उन्होंने आरोप लगाया, ‘जब एक जनप्रतिनिधि के साथ ऐसा व्यवहार हो सकता है, तो आम आदमी के साथ क्या होता होगा, यह अकल्पनीय है. यह भी जानकारी मिली है कि खदान का मुहाना माफिया द्वारा रातोंरात बंद कर दिया गया था, ताकि मामले को दबाया जा सके.’
JD(U) नेता सरयू राय ने कहा कि कोयला क्षेत्र में CISF की भारी तैनाती के बावजूद अवैध खनन चिंताजनक है. साथ ही बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आरोप लगाया कि प्रशासन हादसे को दबाने की कोशिश कर रहा है. तो वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता बिजय झा ने दावा किया कि रास्ते को रातोंरात माफियाओं ने बंद कर दिया ताकि किसी को अंदर जाने से रोका जा सके.
Jharkhand: धनबाद में अवैध कोयला खदान ढहने से कई लोगों के दबे होने की आशंका, राहत अभियान में देरी
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