Jharkhand: पश्चिमी सिंहभूम के जंगलों में नक्सलियों के ठिकाने से 18 हजार डेटोनेटर बरामद, किस चीज में होता है इसका इस्तेमाल?

by Carbonmedia
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Jharkhand Latest News: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान मंगलवार को पुलिस एवं सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी हासिल हुई. जिले के टोंटो थाना अंतर्गत हुसिपी और आस-पास के जंगल में माओवादी नक्सलियों द्वारा छिपाकर रखे गए 18 हजार डेटोनेटर बरामद किए गए हैं. डेटोनेटर का इस्तेमाल आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बनाने में किया जाता है.
पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस और सुरक्षा बलों ने संयुक्त रूप से सर्च ऑपरेशन चलाया. इस दौरान जंगली-पहाड़ी क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर डेटोनेटर छिपाकर रखे गए थे. टीम के साथ चल रहे बम निरोधक दस्ते ने इन डेटोनेटर को जंगल में ही नष्ट कर दिया है. इस ऑपरेशन में जिला पुलिस, सीआरपीएफ की 60 बटालियन एवं झारखंड जगुआर की टुकड़ियां शामिल रहीं.
नक्सलियों ने लूट लिए थे 200 पैकेट विस्फोटक
उल्लेखनीय है कि माओवादी नक्सलियों ने बीते 27 मई को झारखंड से सटे ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के रेलाहातू यांको स्थित पत्थर खदान के पास 200 पैकेट विस्फोटक लूट लिए थे. नक्सली विस्फोटक लदी वैन को ओडिशा की सीमा से सटे झारखंड के सारंडा जंगल के अंदर ले गए थे और विस्फोटकों के पैकेट उतार लिए थे.
बाद में सुरक्षा बलों ने लूटे गए विस्फोटक का बड़ा हिस्सा बरामद कर लिया था. झारखंड का विशाल सारंडा जंगल नक्सलियों का सबसे बड़ा ठिकाना बना हुआ है. हालांकि, पिछले दो वर्षों के दौरान सुरक्षा बलों और पुलिस के लगातार अभियान की वजह से नक्सली अब जंगल के एक खास इलाके में सिमटकर रह गए हैं.
नक्सली संगठन के लोग पुलिस और सुरक्षा बलों को रोकने और नुकसान पहुंचाने के लिए जंगली रास्तों में जगह-जगह विस्फोटक लगा देते हैं. पिछले दो वर्ष में इसकी चपेट में आकर पुलिस, सुरक्षा बलों के कम से कम चार अधिकारी-जवान शहीद हो चुके हैं. इसके अलावा दस से अधिक ग्रामीण भी विस्फोटकों की वजह से जान गंवा चुके हैं.

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