JNU में 11 दिन से जारी भूख हड़ताल, प्रशासन की चुप्पी के खिलाफ छात्रों का उग्र विरोध, तेज हुआ आंदोलन

by Carbonmedia
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JNU Student Protest: दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्रसंघ (जेएनएसयू) द्वारा शुरू की गई है. अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल अपने 11वें दिन में पहुंच गई है. जेएनयूएसयू अध्यक्ष नितीश कुमार, काउंसलर अंतरिक्ष, और कार्यकर्ता लोनी, मणिकांत और शौर्य भूख हड़ताल पर बैठे हैं.
उनकी मांगों में एकेडमिक एक्सटेंशन वाले पीएचडी छात्रों को हॉस्टल से बेदखल करने का निर्णय वापस लेना, जेएनयूईई (JNU Entrance Exam) की बहाली, MCM छात्रवृत्ति में बढ़ोतरी और छात्र कार्यकर्ताओं पर लगाए गए अनुशासनात्मक दंडों को रद्द करना शामिल है.सामूहिक समर्थन में उतरे छात्र, 236 विद्यार्थियों ने दी रिले भूख हड़ताल में भागीदारी
कल छात्रसंघ के आह्वान पर 236 छात्रों ने एकदिवसीय सामूहिक रिले भूख हड़ताल में हिस्सा लिया. इस आंदोलन को छात्रों का बड़ा समर्थन मिल रहा है, जिसमें पूर्व जेएनयूएसयू अध्यक्ष धनंजय और ऐशे, साथ ही पूर्व उपाध्यक्ष अविजीत भी एक दिन की भूख हड़ताल में शामिल हुए. इस व्यापक समर्थन ने आंदोलन को और तेज कर दिया है.छात्रसंघ का आरोप, आखिरी चरण में पहुंच चुके पीएचडी छात्रों को बेदखल करना अन्यायछात्रसंघ का कहना है कि पीएचडी के अंतिम चरण में पहुंचे छात्रों को हॉस्टल खाली करने को कहना अमानवीय है. अध्यक्ष नितीश कुमार ने कहा, यूजीसी की गाइडलाइंस के तहत मिला एकेडमिक एक्सटेंशन तब तक बेमानी है, जब तक हॉस्टल में रहने की सुविधा नहीं मिलती. अधिकतर छात्रों को स्कॉलरशिप भी नहीं मिल रही है. ऐसे में हॉस्टल से बेदखली उनके शोधकार्य को बाधित करेगी.जेएनयूईई की बहाली ज़रूरी, एनटीए पर उठे सवालजेएनयूएसयू ने यूजीसी-नेट आधारित प्रवेश प्रणाली को भी कठघरे में खड़ा किया है. उपाध्यक्ष मनीषा ने कहा, एनटीए परीक्षाएं पारदर्शी, निष्पक्ष और समय पर आयोजित करने में विफल रहा है. जामिया, हैदराबाद यूनिवर्सिटी जैसे संस्थान अपनी प्रवेश परीक्षाएं खुद आयोजित करते हैं, तो जेएनयू क्यों नहीं? उनका कहना है कि जेएनयूईई की वापसी से वंचित तबके के छात्रों के लिए विश्वविद्यालय में प्रवेश सुगम होगा.बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति के बावजूद प्रशासन पर उदासिनता बरतते हुए अनदेखी का आरोप
छात्रसंघ महासचिव मुंतेहा ने प्रशासन पर संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए कहा, हड़ताल पर बैठे सभी छात्रों की तबीयत बिगड़ रही है, वजन कम हुआ है और शुगर लेवल खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. इसके बावजूद प्रशासन ने हमारी बातों पर ध्यान नहीं दिया और केवल दो खोखली अधिसूचनाएं जारी कर दी हैं.आंदोलन ने पकड़ा और जोर, शामिल हुए नए चेहरे
दिल्ली के स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज (SSS) के काउंसलर राजत और भाषा अध्ययन संकाय (SLL&CS) के छात्र श्रेयस भी अब अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल में शामिल हो चुके हैं. साथ ही स्कूल ऑफ फिजिकल साइंसेज (SPS) के काउंसलर अभिषेक 7 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं। आंदोलन का दायरा अब पूरे कैंपस में फैल चुका है.मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा आंदोलन
जेएनयूएसयू का कहना है कि जब तक प्रशासन इन चार प्रमुख मांगों, हॉस्टल बेदखली का निर्णय वापसी, जेएनयूईई की बहाली, MCM स्कॉलरशिप में बढ़ोतरी और दंडात्मक कार्रवाइयों की वापसी पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं करता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

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