Kushinagar News: कुशीनगर में सरकारी पर बने दो मदरसों पर एक्शन की तैयारी, DM को भेजी गई रिपोर्ट

by Carbonmedia
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कुशीनगर में सरकारी जमीन पर अवैध रूप से संचालित हो रहे दो मदरसे प्रशासन की रडार पर आ गए हैं, राजस्व अभिलेखों में इस जमीन का कहीं भी मदरसा के नाम से उल्लेख नहीं है और न ही किसी तरह का आवंटन या आदेश दर्ज है. तमकुहीराज तहसीलदार ने इसकी रिपोर्ट कुशीनगर डीएम को भेज दी है. अब प्रशासन द्वारा मदरसा पर सख्त कार्रवाई तय मानी जा रही है.
दरअसल, कसया तहसील के फाजिलनगर स्थित मदरसा अंजुम इस्लामिया फैजुल उलूम ग्राम सभा की बंजर की जमीन पर है. वहीं दूसरा तमकुहीराज तहसील क्षेत्र के दुदही में मदरसा गौसिया फैजूल उलूम मईहरवा में स्थित है. यह मदरसा भी ग्रामसभा की सरकारी जमीन पर कब्जा करके बनाया गया है. इस मदरसे का कुछ हिस्सा दूसरे के नंबर की जमीन पर स्थित है.
अवैध मदरसों पर एक्शन की तैयारी
दोनों मदरसा को सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से संचालित किया जा रहा था. राजस्व अभिलेखों की जांच में साफ हुआ है कि जिस जमीन पर मदरसा बना है, उसका न तो किसी मदरसा के नाम से कोई रिकॉर्ड है और न ही कोई आवंटन या आदेश दर्ज है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में प्रशासन इन दोनों मदरसे के खिलाफ सख्त कदम उठा सकता है.
50 साल से बच्चों को दे रहा है तालीम
पहला मदरसा दुदही नगर पंचायत में स्थित मदरसा गौसिया फैजुल महिरवा है. जो करीब 50 साल से ये मदरसा बच्चों को तालीम देता आ रहा है. अब ये मदरसा आरोपों के घेरे में है. 1972 में मदरसे की शुरुआत के बाद इस मदरसा का विस्तार 1989 में में हुआ.
इसी दौरान मान्यता के लिए दस्तावेज़ आगे बढ़ाए गए, लेकिन चकबंदी और कागज़ों की कमी के चलते मान्यता की प्रक्रिया अटक गई. इसके बाद में 1994-95 में मान्यता मिल गई लेकिन यह मान्यता कैसे मिली यह सवाल जरूर खड़ा हो गया. क्योंकि मदरसा के पास अपनी खुद की जमीन नही थी. ऐसे में कागज़ी हेरफेर कर गांव की सरकारी भूमि को 2003 में दर्ज करवाने का दावा किया गया.
सरकारी जमीन पर संचालित हो रहा था मदरसा
उत्तर प्रदेश सरकार में पिछड़ा आयोग के सदस्य फूलबदन कुशवाहा ने पत्र के माध्यम से डीएम कुशीनगर और सीएम योगी को पत्र लिख इस फर्जीवाड़े की जानकारी दी, जिसके बाद जांच शुरू की गई. जांच में भी यह खुलासा हुआ कि गौसिया फैजुल महिरवा मदरसा सरकारी जमीन पर अवैध रूप से संचालित हो रहा हैं. राजस्व अभिलेखों में इस मदरसे के नाम से कोई जमीन नहीं है न ही किसी तरह का आवंटन या आदेश दर्ज है.
अधर में लटका 350 बच्चों का भविष्य
तमकुहीराज तहसीलदार ने इस पूरे मामले की रिपोर्ट कुशीनगर डीएम को भेज कर जानकारी दी है. कुशीनगर का यह मदरसा केवल एक शिक्षण संस्था नहीं, बल्कि 350 बच्चों के सपनों का केंद्र है. सरकारी भूमि पर अवैध कब्ज़ा कर इन बच्चों का भविष्य संवारने वाला ये मदरसा अब बच्चों के उज्वल भविष्य को अधर में लटका दिया है.

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