बिहार के नवादा जिले के सिरदला थाना क्षेत्र में एक प्रेम विवाह का मामला सुर्खियों में है, जहां प्यार की शुरुआत तो मंदिर में शादी के बंधन से हुई, लेकिन अंत में दहेज की मांग और धोखे की कहानी में ये प्रेमकहानी तब्दील हो गई. कुशाहन गांव की एक युवती कल्पना कुमारी ने अपने पति दीपक कुमार और ससुराल वालों पर 10 लाख रुपये दहेज मांगने का आरोप लगाया है.
लड़की ने आरोप लगाया कि थाने में लड़का कोर्ट से शादी करने के लिए तैयार हुआ और बाथरूम जाने के बहने आधे रास्ता में ही छोड़ कर फरार हो गया. इसके बाद लड़की ने थाने में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है. लड़की के मुताबिक “हम लोग 3 महीना से गुजरात में थे. वहां से अपने ससुराल लौटे तो ससुराल वाले मारपीट कर हम लोगों को घर से भगा दिए. हम पति-पत्नी दोनों थाना आए थे, लेकिन जब कोर्ट से मैरिज करने की बात आई तो पति आधे रास्ता में ही छोड़कर फरार हो गए”.
युवती की शिकायत के अनुसार, उसका गयाजी जिले के फरका गांव के एक युवक से 4-5 साल से प्रेम संबंध था. दोनों ने समाज की सहमति और स्वजातीय होने के बावजूद सीतामढ़ी मंदिर में विवाह कर लिया. शादी के बाद दोनों गुजरात चले गए, लेकिन जब युवती बीते रविवार को अपने ससुराल पहुंची, तो ससुराल वालों ने उसे घर में प्रवेश करने से रोक दिया. ससुराल पक्ष ने साफ शब्दों में कहा कि 10 लाख रुपये दहेज के बिना उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा.
युवती ने अपने रिश्तेदारों को बुलाया और सिरदला थाने में शिकायत दर्ज कराई. उसने कोर्ट मैरिज की भी तैयारी शुरू की, लेकिन इस बीच उसका पति रास्ते से ही चुपके से फरार हो गया. इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी. युवती ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई है और पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.
यह मामला एक बार फिर समाज में व्याप्त दहेज प्रथा की कड़वी हकीकत को उजागर करता है. प्रेम विवाह जैसी पवित्र बंधन को भी दहेज की भेंट चढ़ते देख इलाके में चर्चाओं का बाजार गर्म है. लोग इस घटना को लेकर तरह-तरह की बातें कर रहे हैं और युवती के साथ हुए इस धोखे ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. पुलिस का कहना है कि जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस बीच, यह सवाल उठता है कि क्या प्रेम विवाह भी दहेज की भेंट चढ़ेगा? समाज को इस कुरीति से कब मुक्ति मिलेगी?
Love Marriage: प्यार हुआ…मंदिर में शादी…प्रेमी ने छोड़ा, फिर दहेज की मांग! नवादा में प्रेम विवाह का दर्दनाक अंत
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