Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के आठ जिलों में आदिवासी समाज की संख्या अधिक है. इन जिलों में आदिवासियों को नौकरी में बढ़ा हुआ आरक्षण देने को लेकर राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले की अध्यक्षता में मंत्रालय में एक बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल, शिक्षा मंत्री दादा भुसे, आदिवासी विकास मंत्री अशोक उईके, अन्य पिछड़ा व बहुजन कल्याण मंत्री अतुल सावे आदि उपस्थित थे.
राज्य के पालघर, नाशिक, धुले, नंदुरबार, यवतमाल, चंद्रपूर, गडचिरोली और रायगढ़ इन जिलों में आदिवासी समाज की संख्या अधिक है. इन क्षेत्रों में आदिवासियों को नौकरी में आरक्षण बढ़ाकर देने की आवश्यकता है.
इसके लिए अन्य मागासवर्ग (ओबीसी), एसईबीसी (पारंपरिक आर्थिक दुर्बल वर्ग) और ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के आरक्षण में कुछ हद तक कटौती कर आदिवासी समाज को वह आरक्षण देने का प्रस्ताव है. इसी विषय पर चर्चा कर निर्णय लेने के लिए राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले की अध्यक्षता में यह बैठक बुलाई गई थी. यह समिति की दूसरी बैठक थी.
राज्यात सामाजिक व शैक्षणिकदृष्ट्या मागास प्रवर्गास १० टक्के आरक्षण विहित केल्यामुळे आदिवासीबहुल जिल्ह्यातील आरक्षण सुधारीत करण्याबाबत मंत्रालयात चर्चा केली. यावेळी राज्याचे अन्न व नागरी पुरवठा मंत्री @ChhaganCBhujbal, शालेय शिक्षण मंत्री @dadajibhuse, इतर मागास बहुजन कल्याण… pic.twitter.com/LRJ8bbt5pH
— Chandrashekhar Bawankule (@cbawankule) June 25, 2025
मंत्री अतुल सावे ने भी बैठक में किए अपने विचार प्रस्तुतबैठक में शिक्षा मंत्री दादा भुसे और खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने अपनी बात रखते हुए सुझाव दिया कि आदिवासी समाज को अतिरिक्त आरक्षण देते समय एसईबीसी, ईडब्ल्यूएस और ओबीसी समाज का आरक्षण कम नहीं किया जाना चाहिए. वहीं, आदिवासी विकास मंत्री अशोक उईके और अन्य मागास व बहुजन कल्याण मंत्री अतुल सावे ने भी बैठक में अपने विचार प्रस्तुत किए.
सभी सदस्यों के मतों पर विचार कर अब इस विषय पर प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा, ऐसा निर्णय लिया गया.