Maharashtra Monsoon Session: महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र कल यानी 30 जून से शुरू हो चुका है. आज इसके दूसरे ही दिन कांग्रेस विधायक नाना पटोले पर कार्रवाई हो गई. नाना पटोले को एक दिन के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया गया. उन्होंने बीजेपी विधायक बाबनराव लोणिकर और कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे के खिलाफ किसानों के अपमान को लेकर कार्यवाही की मांग करते हुए विधानसभा अध्यक्ष के मंच तक पहुंचने की कोशिश की.
नाना पटोले को सारे नियम पता है- एकनाथ शिंदे
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “नाना पटोले खुद विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं, उन्हें नियमों की पूरी जानकारी है. इसके बावजूद उन्होंने जिस प्रकार से हिंसक व्यवहार करते हुए राजदंड उठाने की कोशिश की, वह न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि सदन का सीधा अपमान भी है. इसलिए उनके खिलाफ जो कार्रवाई हुई, वह पूरी तरह उचित है.” शिंदे ने आगे कहा कि नाना पटोले बीते कई दिनों से सदन में सक्रिय नहीं थे, और मीडिया में आने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री पर आपत्तिजनक टिप्पणी की.
उन्हें यह पता है कि बाप, बाप होता है- एकनाथ शिंदे
डिप्टी सीएम शिंदे ने नाना पटोले की पीएम मोदी पर की गई टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री का नाम हम सभी सम्मान से लेते हैं, लेकिन नाना पटोले का वक्तव्य बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और अपमानजनक था. वे 140 करोड़ देशवासियों के प्रधानमंत्री हैं, उनका अपमान नहीं किया जा सकता. यह वही रवैया है जैसा राहुल गांधी विदेश में जाकर देश और प्रधानमंत्री की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं. अब उसी रास्ते पर नाना पटोले भी चल पड़े हैं. लेकिन उन्हें यह पता है कि ‘बाप, बाप होता है.’
VIDEO | Maharashtra Monsoon Session: Reacting to Congress leader Nana Patole’s suspension, Maharashtra Deputy CM Eknath Shinde (@mieknathshinde) said, “He is well aware of the rules… Nana Patole did this just to make headlines, and for that, he had to drag PM Modi’s name. Just… pic.twitter.com/sQ8r1J1UE1
— Press Trust of India (@PTI_News) July 1, 2025
उत्तराखंड में भूस्खलन पर बोले एकनाथ शिंदे
इसी बीच उत्तराखंड में भूस्खलन के कारण फंसे पर्यटकों को लेकर भी शिंदे ने जानकारी दी. उन्होंने कहा, “मैंने पर्यटन मंत्री, सीएमओ के विशेष सचिव और खुद पर्यटकों से बात की है. सभी लोग सुरक्षित हैं. सरकार और प्रशासन पूरी तरह से मदद कर रहे हैं. अगर जरूरत पड़ी तो महाराष्ट्र सरकार के अधिकारी भी उत्तराखंड जाकर यात्रियों को सुरक्षित वापस लाएंगे.”