महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मुरुम मिट्टी खनन के मामले में महिला आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा के साथ हुई विवादित बातचीत पर नया बयान दिया है. नए बयान में उन्होंने इस मामले को तूल देने से इनकार कर दिया है.
अजित पवार ने 17 सितंबर पुणे में आयोजित राजस्व विभाग के ‘सेवा पखवाड़ा’ कार्यक्रम में कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में पंडन रोड पर मुरुम बिछाने के लिए रॉयल्टी नहीं लेगी. यह बयान उस समय आया है जब विपक्ष उन पर अवैध खनन रोकने गई अधिकारी को ड्यूटी से रोकने का आरोप लगा रहा है.
मुरुम खनन और रॉयल्टी पर पवार का बयान
राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में अजित पवार ने स्पष्ट किया कि यदि ग्रामीणों के खेतों तक पहुंचने के लिए पंडन रोड से कीचड़ हटाया जाता है तो उस पर रॉयल्टी नहीं लगेगी.
उन्होंने मजाकिया अंदाज में पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार से कहा कि वे यह सूचना अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ-साथ सोलापुर पुलिस तक भी पहुंचाएं. पवार ने कहा कि अगर यह निर्णय पहले हो जाता तो उन पर अनावश्यक विवाद नहीं खड़ा होता.
कुछ दिन पहले हुआ था ये विवाद
सितंबर महीने की शुरुआत में एक वीडियो सामने आया था जिसमें अजित पवार करमाला की अनुमंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) अंजना कृष्णा से कथित रूप से तीखी बातचीत करते दिखाई दिए थे.
अंजना कृष्णा सोलापुर जिले में मुरुम मिट्टी के अवैध उत्खनन के खिलाफ कार्रवाई कर रही थीं. पीटीआई के अनुसार, वीडियो वायरल होने के बाद विपक्ष ने पवार पर आरोप लगाया कि उन्होंने एक महिला पुलिस अधिकारी को ड्यूटी करने से रोका और अवैध खनन को बढ़ावा दिया.
विपक्ष की आलोचना और पवार का जवाब
लगातार बढ़ रही आलोचनाओं के बीच अजित पवार ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य कार्रवाई रोकना नहीं बल्कि तनावपूर्ण माहौल को शांत करना था. उन्होंने कहा कि बिना वजह उन पर सवाल उठाए जा रहे हैं, जबकि सरकार ने ग्रामीणों के हित में रॉयल्टी मुक्त नीति बनाई है.
पवार ने यह भी दोहराया कि सोलापुर समेत पूरे राज्य में संबंधित विभाग और पुलिस बल को इस फैसले की जानकारी दी जानी चाहिए ताकि किसी तरह की गलतफहमी न रहे.
Maharashtra: महिला IPS अधिकारी विवाद पर अजित पवार का नया बयान, ‘सरकार ने फैसला लिया है कि…’
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