मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने इंडसइंड बैंक से जुड़े मामले में प्रीलिमिनरी इन्क्वायरी (PE) शुरू कर दी है. बैंक ने पुलिस को पत्र लिखकर अपने कुछ पूर्व की मैनेजिरियल पर्सन (KMPs) पर अनियमितताओं के आरोपों की जांच करने को कहा था.
आपको बता दें कि ये सिर्फ एक PE है, यानी अभी तक FIR दर्ज नहीं हुई है. आमतौर पर, अगर जांच में कोई अपराध साबित होता है, तो FIR होती है, वरना केस सबूतों की कमी के कारण बंद कर दिया जाता है.
पूर्व CFO के स्टाफ और अकाउंट डिपार्टमेंट के कर्मचारियों के बयान दर्ज
EOW ने बैंक के पूर्व CFO के स्टाफ और अकाउंट डिपार्टमेंट के कर्मचारियों के बयान दर्ज कर लिए हैं. मार्च में बैंक ने अपने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में 1,979 करोड़ की अकाउंटिंग गड़बड़ी की बात मानी थी.
आंतरिक ऑडिट में यह भी पता चला कि 674 करोड़ को माइक्रोफाइनेंस बिजनेस से ब्याज के तौर पर गलत दर्ज किया गया, और बैलेंस शीट के “अन्य एसेट्स” में 595 करोड़ की बिना आधार वाली रकम दिखाई गई.
SEBI भी इस मामले की जांच कर रहा
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ABP न्यूज को बताया कि जांच में दो बड़ी बातें देखी जा रही हैं. पहला, बैंक की बैलेंस शीट में ये ‘नोशनल प्रॉफिट’ क्यों दिखाया गया? दूसरा, क्या कुछ सीनियर अफसरों ने शेयर मार्केट को सूचना देने से पहले अपने शेयर बेचकर मुनाफा कमाया?
जरूरत पड़ी तो इन पूर्व KMPs को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा. अधिकारी ने कहा कि SEBI भी इस मामले की जांच कर रहा है, लेकिन उनका फोकस मार्केट नियमों के उल्लंघन पर है, जबकि पुलिस की जांच पूरी तरह क्रिमिनल एंगल से हो रही है.
बैंकर राजीव आनंद को नया MD और CEO बनाया गया
इस महीने की शुरुआत में बैंकर राजीव आनंद को नया MD और CEO बनाया गया. ये नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब बैंक पर करीब 2,000 करोड़ की अकाउंटिंग गड़बड़ी का दबाव है और निवेशकों का भरोसा हिला हुआ है.
इससे पहले अप्रैल में CEO सुमंत कथपालिया और डिप्टी अरुण खुराना ने अचानक इस्तीफा दे दिया था. उनके जाने के पीछे विदेशी मुद्रा (फॉरेक्स) डेरिवेटिव्स में हुई गलती थी, जिसने बैंक के वित्तीय आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर दिखाए और मार्केट में भरोसा तोड़ा.
बैंक के शेयर 25% गिरकर 52 हफ्ते के न्यूनतम 674.55 पर पहुंच गए
इस खुलासे के बाद बैंक के शेयर 25% गिरकर 52 हफ्ते के न्यूनतम 674.55 पर पहुंच गए और मार्केट कैप से 15,000 करोड़ साफ हो गए. मार्च 2025 में बैंक ने माना था कि फॉरेक्स ट्रांजेक्शंस में हेजिंग कॉस्ट का गलत अनुमान लगाने से उसकी नेट वर्थ में 2.35% की गिरावट आई.
RBI के नए डेरिवेटिव हेजिंग नियमों का पालन न करने से जुड़े इस मामले में बैंक को अपने पुराने वित्तीय आंकड़े फिर से पेश करने पड़े और इंटरनल कंट्रोल सिस्टम की समीक्षा करनी पड़ी.
Maharashtra: मुंबई में इंडसइंड बैंक में 2000 करोड़ की गड़बड़ी, EOW की जांच शुरू
2