Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में एक बार फिर हिंदी बनाम मराठी भाषा विवाद ने तूल पकड़ लिया है. इसके चलते राज्य की राजनीति में बयानबाजी भी तेज हो गई है. इसी बीच केंद्रीय मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के अध्यक्ष रामदास आठवले ने इस विवाद पर तीखी प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने सोशल मीडिया पर बयान जारी करते हुए कहा, “मुंबई में इन दिनों भाषा के नाम पर जो दादागिरी शुरू हुई है, वह तुरंत रुकनी चाहिए.”
मराठी भाषा का सम्मान हम सबका गर्व- आठवले
रामदास आठवले ने मराठी भाषा को लेकर सम्मान प्रकट करते हुए कहा कि मराठी भाषा का सम्मान हम सबका गर्व है. साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि किसी को कोई भाषा नहीं आती, इसलिए उसे सताना या डराना अपराध है.
अन्याय तत्काल बंद होना चाहिए- आठवले
केंद्रीय मंत्री ने अपने ट्वीट में आगे लिखा, “यहां अलग-अलग भाषाएं बोलने वाले, गरीब व्यापारी और मेहनतकश कामगार रहते हैं. उन पर हो रहा अन्याय तत्काल बंद होना चाहिए.” उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि भाषा के नाम पर हो रही ऐसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि समाज में एकता, सम्मान और समानता बनी रहे.
उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाएं मुंबई की सदियों पुरानी ‘सर्वधर्म समभाव’ और ‘सांस्कृतिक एकता’ की पहचान को चुनौती देती हैं.
मुंबई में इन दिनों भाषा के नाम पर जो दादागिरी शुरू हुई है, वह तुरंत रुकनी चाहिए।मराठी भाषा का सम्मान हम सबका गर्व है, लेकिन किसी को कोई भाषा नहीं आती, इसलिए उसे सताना या डराना अपराध है।मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है—यहाँ अलग-अलग भाषाएँ बोलने वाले, गरीब व्यापारी और मेहनतकश…
— Dr.Ramdas Athawale (@RamdasAthawale) July 4, 2025
आठवले ने अपने बयान का अंत ‘जय भीम, जय महाराष्ट्र’ के नारों के साथ किया और कहा कि समाज को जोड़ने की जरूरत है, तोड़ने की नहीं. गौरतलब है कि हाल के दिनों में मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में भाषा के मुद्दे पर कई घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें हिंदी बोलने वाले लोगों से बदसलूकी या मारपीट की खबरें आईं.