Maharashtra: शरद गुट वाले NCP के प्रदेश अध्यक्ष बनते ही शशिकांत शिंदे का बड़ा बयान, बताया पार्टी का लक्ष्य

by Carbonmedia
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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के शशिकांत शिंदे को पार्टी का महाराष्ट्र का नया प्रदेश अध्यक्ष घोषित कर दिया है. इस घोषणा के बाद उन्होंने दावा किया कि वह पार्टी को महाराष्ट्र में फिर से सत्ता में लाने के लिए दिन-रात मेहनत करेंगे. उन्होंने कहा कि वह जल्द ही राज्य का व्यापक दौरा करेंगे और सरकार की गलत नीतियों को लेकर सरकार को घेरेंगे. 
बता दें कि शशिकांत शिंदे, जो पूर्व महाराष्ट्र मंत्री और एमएलसी रह चुके हैं, उन्हें मंगलवार (15 जुलाई) को जयंत पाटिल की जगह एनसीपी (SP) का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया.
हमारा लक्ष्य पार्टी को सत्ता में वापस लाना- शशिकांत शिंदे
नई भूमिका मिलने के बाद पत्रकारों से बात की. इस दौरान पीटीआई के अनुसार, शिंदे ने कहा, “मैं आने वाले महीने में महाराष्ट्र का दौरा करूंगा और इस दौरान पार्टी संगठन को मजबूत करने के साथ-साथ नए और युवा नेताओं को मौका देने का प्रयास किया जाएगा. हमारा लक्ष्य पार्टी को सत्ता में वापस लाना है. सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ आवाज उठाऊंगा और जरूरत पड़ने पर सड़कों पर उतरूंगा.” उन्होंने पूर्व पार्टी नेता और गृह मंत्री स्वर्गीय आर.आर. पाटील को याद करते हुए जमीनी स्तर पर काम करने की प्रतिबद्धता जताई.
कई वरिष्ठ नेता होने के बावजूद मुझे यह जिम्मेदारी दी गई- शशिकांत शिंदे
शिंदे ने कहा, “कई वरिष्ठ नेता होने के बावजूद मुझे यह जिम्मेदारी दी गई है. मैं इसका न्याय करने की कोशिश करूंगा. आर.आर. पाटील ने दिखाया था कि एक सामान्य नेता भी अवसर मिलने पर क्या कर सकता है. मैं उनके नक्शेकदम पर चलने की कोशिश करूंगा.” उन्होंने आज की राजनीति के बारे में कहा, “आज राजनीति बदल रही है. लोगों को सत्ता और पैसे से लुभाया जा रहा है. हम ऐसी प्रथाओं के खिलाफ लड़ेंगे.” 
पश्चिमी महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता शशिकांत शिंदे एनसीपी के गठन से ही शरद पवार के साथ हैं और पार्टी के विभाजन के बाद भी उनका समर्थन जारी रखा. संगठनात्मक क्षमताओं के लिए जाने जाने वाले शिंदे से आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में पार्टी को पुनर्जीवित करने की उम्मीद की जा रही है. 
जयंत पाटिल ने लगभग 8 साल तक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाला था. पार्टी ने पिछले साल अप्रैल-मई में हुए लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन कुछ महीने बाद हुए विधानसभा चुनावों में उसे केवल 10 सीटें ही मिल पाईं. स्थानीय चुनावों को देखते हुए शिंदे के सामने पार्टी को फिर से खड़ा करने की बड़ी चुनौती है.

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