Maharashtra: 154 साल पुराने पुल का नया अवतार, ‘सिंदूर ब्रिज’ के नाम से जाना जाएगा

by Carbonmedia
()

Sindoor Bridge: मुंबई में यातायात के लिहाज से बेहद अहम कर्नाक ब्रिज अब नए अवतार में सामने आ रहा है. 154 साल पुराने और असुरक्षित घोषित किए गए इस पुल को ध्वस्त करने के बाद बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने इसे नए सिरे से बनाया है. यह नया पुल अब ‘सिंदूर ब्रिज’ के नाम से जाना जाएगा, जिसे भारत के हाल में सफलतापूर्वक किए गए सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को समर्पित किया गया है.
पुल को अगले दो दिनों में आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा, जबकि इसका आधिकारिक उद्घाटन गुरुवार, 10 जुलाई 2025 को सुबह 10 बजे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, अजित पवार और विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर की मौजूदगी में होगा.
दक्षिण मुंबई के लिए राहत की बड़ी सौगात
सिंदूर ब्रिज, मस्जिद बंदर रेलवे स्टेशन के पास स्थित है और यह पी. डी’मेलो रोड को शहर के अन्य हिस्सों से जोड़ता है. यह पुल पूर्व और पश्चिम मुंबई को जोड़ने वाला एक बेहद अहम मार्ग है. इसके शुरू होने से यातायात में काफी सुधार होगा और यात्रियों को वैकल्पिक और सुगम रास्ता मिलेगा.
इस मौके पर राज्य के IT और सांस्कृतिक कार्य मंत्री आशिष शेलार, कौशल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, शिवसेना (UBT) सांसद अरविंद सावंत, विधायक सुनील शिंदे और विधायक राजहंस सिंह समेत कई प्रमुख हस्तियां मौजूद रहेंगी.
समय सीमा में पूरा हुआ निर्माण
सिंदूर ब्रिज का निर्माण कार्य निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा हुआ है. BMC के अतिरिक्त आयुक्त (परियोजना) अभिजीत बांगर के नेतृत्व में पुल विभाग की टीम ने 10 जून 2025 तक इसका काम खत्म कर दिया. यह पुल छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, मस्जिद बंदर और मोहम्मद अली रोड जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों की कनेक्टिविटी बेहतर बनाएगा.
पुराना कर्नाक ब्रिज नवंबर 2022 में संरचनात्मक ऑडिट के बाद असुरक्षित घोषित कर ध्वस्त कर दिया गया था. इसके बाद मध्य रेलवे की मंजूरी से नया पुल डिजाइन कर BMC ने निर्माण का जिम्मा संभाला.
तकनीकी रूप से मजबूत और भव्य निर्माण
BMC के मुताबिक, सिंदूर ब्रिज की कुल लंबाई 328 मीटर है, जिसमें रेलवे क्षेत्र में 70 मीटर और मनपा क्षेत्र में 230 मीटर के पहुंच मार्ग शामिल हैं. इसमें दो विशाल स्टील गर्डर लगाए गए हैं, जिनका वजन 550 मीट्रिक टन, लंबाई 70 मीटर, चौड़ाई 26.5 मीटर और ऊंचाई 10.8 मीटर है.
यह गर्डर अक्टूबर 2024 और जनवरी 2025 में रेलवे द्वारा विशेष ब्लॉक लेकर सफलतापूर्वक स्थापित किए गए. 58 मीटर लंबी अधांतरी गर्डर को रेलवे ट्रैक पर उतारना और सही तरीके से बैठाना एक बड़ा इंजीनियरिंग चैलेंज था, जिसे विशेषज्ञों की मदद से सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया.
पूर्व दिशा में नींव से लेकर डामरीकरण तक का सारा काम सिर्फ चार महीनों में पूरा किया गया. पुल की भार वहन क्षमता, स्थिरता और सुरक्षा के लिए लोड टेस्ट भी किया गया है.
नागरिकों को मिलेंगे ये खास फायदे
सिंदूर ब्रिज के चालू हो जाने से दक्षिण मुंबई के कई व्यावसायिक इलाकों—जैसे क्रॉफर्ड मार्केट, कालबादेवी और धोबी तालाब का संपर्क आसान हो जाएगा. इससे लगभग 10 सालों से बाधित पूर्व-पश्चिम यातायात को नई गति मिलेगी.

पी. डी’मेलो रोड, खासकर वालचंद हीराचंद मार्ग और शहीद भगतसिंह मार्ग के जंक्शन पर ट्रैफिक जाम में राहत मिलेगी.
साथ ही, यूसुफ मेहर अली रोड, मोहम्मद अली रोड, एस.वी.पी रोड और काजी सैयद रोड पर यातायात और सुगम हो जाएगा.

हेरिटेज का भी रखा गया ध्यान
नए सिंदूर ब्रिज पर पुराने कर्नाक ब्रिज की छह हेरिटेज पत्थरों को प्रदर्शित किया जाएगा, ताकि मुंबई की ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित किया जा सके. यह पहल न केवल तकनीकी उन्नति बल्कि सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी सराहनीय है.
अब पूरी तरह तैयार है सिंदूर ब्रिज
BMC ने जानकारी दी कि पुल से जुड़ी सारी तकनीकी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं. संरचनात्मक स्थिरता प्रमाणपत्र, सुरक्षा प्रमाणपत्र और रेलवे की अनापत्ति प्रमाण-पत्र भी मिल चुके हैं. दोनों ओर के पहुंच मार्ग, सिग्नलिंग, रंगरोगन, एंटी-क्रैश बैरियर जैसे सभी काम भी पूरे हो चुके हैं.

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment