Mahesh Navami 2025: शिव पूजा से जागेगा सोया भाग्य, जानें महेश नवमी पर किन राशियों को मिलेगा लाभ

by Carbonmedia
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Mahesh Navami 2025: हिंदू धर्म में शिव जी को आराध्य मानने वालों की संख्या अनेक हैं. खासकर महेश्वरी समाज के लोग शिव जी को विशेष तौर पर पूजते हैं. हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर महेश नवमी मनाई जाती है. इस साल महेश नवमी का दिन कुछ राशियों के लिए खास माना जा रहा है क्योंकि इसी दिन चंद्रमा कन्या राशि में गोचर करेंगा जिससे कुछ राशियों के सोए भाग्य जाग सकते हैं.



महेश नवमी व्रत तिथि और शुभ मुहूर्त (Mahesh Navami 2025 Shubhu Muhurat)
महेश नवमी हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है. यह पर्व खासतौर पर महेश्वरी समाज के लिए अत्यंत पावन होता है, जो भगवान शिव को कुलदेवता के रूप में पूजता है.



  1. तिथि प्रारंभ: 03 जून 2025, रात 09:56 बजे

  2. तिथि समाप्त: 04 जून 2025, रात 11:54 बजे

  3. व्रत और पूजन तिथि: 04 जून 2025 (बुधवार)


महेश नवमी पर कौन-सी राशियों के जागेंगे भाग्य?
इस वर्ष महेश नवमी के दिन 04 जून 2025 को प्रातः 07:34 बजे चंद्रमा सिंह से कन्या राशि में गोचर करेगा. कन्या राशि का स्वामी बुध ग्रह है, और बुध की युति चंद्रमा से होने पर व्यापार, बुद्धिमत्ता, योजना और वाणी में उन्नति होती है. विशेषकर वैश्य और व्यापारी वर्ग के लिए यह योग अत्यंत लाभकारी माना गया है.



  • कन्या राशि: कारोबार में नई योजनाएं फलीभूत होंगी. पूर्व निवेश से लाभ मिलेगा. मानसिक दृढ़ता बढ़ेगी, परिवारिक सहयोग मिलेगा.

  • सिंह राशि: वाणी में प्रभाव बढ़ेगा, जिससे लोग आकर्षित होंगे. व्यापार में नए साझेदार मिल सकते हैं. रुका हुआ कार्य पूर्ण हो सकता है.

  • वृषभ राशि: कार्यस्थल पर आपके सुझावों की सराहना होगी. नए प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो सकता है. आर्थिक पक्ष सुदृढ़ होगा.


महेश नवमी का पौराणिक महत्व: शिवजी ने 72 क्षत्रियों को कैसे दिया नवजीवन?
स्कंद पुराण और अन्य ग्रंथों के अनुसार, प्राचीन काल में कुछ क्षत्रिय जाति के लोग ऋषियों के श्राप से पत्थर बन गए थे. भगवान शिव ने नवमी के दिन उन्हें श्रापमुक्त करके नवजीवन प्रदान किया. उन्होंने उन्हें अहिंसा के मार्ग पर चलने का उपदेश दिया.


इसी दिन से उन लोगों ने क्षत्रिय धर्म को छोड़कर वैश्य धर्म स्वीकार किया और यहीं से ‘महेश्वरी’ वंश की उत्पत्ति मानी गई. यही कारण है कि महेश्वरी समाज इस दिन को आध्यात्मिक पुनर्जन्म के रूप में मनाता है और भोलेनाथ की विशेष पूजा अर्चना करता है. इस दिन धनवान व्यक्ति धार्मिक आयोजन करते हैं, गरीबों को दान भी देते हैं.


इस दिन शिव पूजा का महत्व जानें कैसे करें व्रत और पूजन?



  • प्रातः स्नान करके शिवलिंग पर गंगाजल, बेलपत्र, अक्षत और भस्म चढ़ाएं.

  • ॐ नमः शिवाय, मंत्र का 108 बार जाप करें.

  • महेश नवमी की कथा सुनें और क्षमा याचना करें.

  • रात्रि में शिव की आरती और ध्यान करें.


स्कंद पुराण में बताया गया है कि ’नवम्याम् शुक्लपक्षे तु ज्येष्ठे मासे महेश्वरः.ऋषीणां कृपया तुष्टः क्षत्रियां मुक्तवान् भवेत्' यानि ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान महेश्वर यानि शिव ऋषियों की कृपा से प्रसन्न हुए और उन्होंने पत्थर में परिवर्तित क्षत्रियों को श्राप से मुक्त कर दिया.


Mahesh Navami 2025: FAQs 
Q1. महेश नवमी 2025 में कब है?
Ans: 04 जून 2025, बुधवार को व्रत रखा जाएगा. तिथि 03 जून रात से शुरू होकर 04 जून रात तक रहेगी.


Q2. महेश नवमी किस समाज का प्रमुख पर्व है?
Ans: महेश नवमी विशेषकर महेश्वरी समाज का प्रमुख पर्व है, लेकिन शिव भक्तों के लिए भी यह विशेष दिन है.


Q3. इस दिन कौन-सी राशियों को लाभ होगा?
Ans: कन्या, सिंह और वृषभ राशि के जातकों को व्यापार, बुद्धि और मान-सम्मान में वृद्धि के योग हैं.


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