Mandi News: टारना हिल में भूस्खलन का खतरा, पलायन को मजबूर हुए लोग, मकानों में आईं दरारें

by Carbonmedia
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हिमाचल के मंडी के टारना हिल में जमीन धंसने के कारण भूस्खलन का खतरा बढ़ता जा रहा है. साल 2023 की बरसात में जमीन धंसने के कारण आईपीएच ऑफिस को बडी बड़ी दरारों ने जकड़ लिया था और आपातकाली स्थिति में आईपीएच ऑफिस शिफ्ट कर दिया गया था, लेकिन अभी हाल ही में 30 जून की बारीश से उस जगह पर दोबारा से भूस्खलन खतरा पैदा हो गया है.
पिछले कुछ वर्षो में टारना हिल भूस्खलन के प्रति संवेदनशील होती जा रही है. टारना वार्ड के अलग अलग जगहों पर पिछले कुछ समय में भूस्खलन की घटनायें सामने आई हैं. वहीं अबकी बरसात में भी टारना वार्ड में तकरीबन 10 घरों पर भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है. पुराने आईपीएच आफिस के पास जहां कभी करोड़ों की लागत से निर्मित आईपीएच ऑफिस की भव्य इमारत हुआ करती थी, जिसको बने हुये अभी ज्यादा समय भी नहीं हुआ था. लेकिन अभी इसी के साथ यह दो मजिंला घर भी भूस्खलन की जद में आय गया है. घर के आंगन और प्रवेश द्धार लेकर सभी जगह बडी बडी दरारों आ चुकी है, बडी बडी तिरपाल लगाकर घर को बरसात के पानी से बचाने की कोशिश की जा रही है.
पलायन करने को मजबूर हुए लोगतकरीबन तीन चार घरों के लोग पलायन कर किराए के घर में रहने को मजबूर हो गए हैं. वहीं टारना हिल में रहने वाले एक पीड़ित परिवार के मुखिया लेखराज ने बताया कि 30 जून को हुई भारी बारीश के चलते उनका घर भूस्खलन की चपेट में आया गया, जिसके कारण उनके दो मंजिला घर में दरारें आ गई, उनका रहने के काबिल नहीं रहा और अब उनका परिवार पड़ोस में किराये के मकान में रह रहा है. 
मकानों में आईं दरारेंवहीं यहां के सीनियर सीटिजन कांउसिल के अध्यक्ष ओपी कपूर का कहना है कि टारना हिल में कई जगहों पर जमीन धंसने कारण गहरी दरारें आ गई, जिससे किसी खतरे का एहसास हो रहा है. टारना हिल में बरसात के पानी और भूमिगत पानी को वैज्ञानिक तरीके से चैनलाइज करने की आवश्यकता है, यदि इस पर गौर नहीं किया जाता है तो यह और बढ़ सकता है.
‘कभी भी गिर सकता है पीपल का पेड़’इसके अलावा शहर के स्थानीय निवासी का कहना है कि आईपीएच ऑफिस की जगह के पास जो घर है उसके प्रवेश द्धार के पास एक पीपल का पेड़ है, जिसके चारों गहरी दरारें आ चुकी हैं और यह पेड़ कभी भी बारीश के कारण गिर सकता है, जिससे भूस्खलन होने का खतरा बना हुआ है. उन्होंने स्थानीय प्रशासन से मांग की कि वहां का निरीक्षण कर पेड की छंटाई की जाये और उस जगह को तिरपाल से कवर किया जाए.
10 घर भूस्खलन से हुए प्रभावित बता दें कि जब इस विषय को लेकर स्थानीय पार्षद से संपर्क किया गया तो वह किसी निजी कार्यक्रम में व्यस्त होने के कारण उपलब्ध नहीं पाई, लेकिन उन्होंने फोन के माध्यम से बताया कि उनके वार्ड में तकरीब 10 घर हैं जो भूस्खलन से प्रभावित हैं और तकरीबन 4 घर ऐसें है जिनमें दरारें आ चुकी है और उन घरों के लोग किराये के मकानों में रहने को मजबूर हो गए हैं.

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