Maratha Reservation: मराठा आरक्षण आंदोलन जारी, अनशन पर बैठे मनोज जरांगे बोले- ‘लड़ाई अब अंतिम…’

by Carbonmedia
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मराठा आरक्षण की मांग कर रहे आंदोलनकारी नेता मनोज जरांगे का अनशन शनिवार (30 अगस्त) को दूसरे दिन भी जारी रहा, क्योंकि सरकार से हुई बातचीत किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी. मुंबई पुलिस ने आजाद मैदान में प्रदर्शन की अनुमति एक दिन और बढ़ा दी है. 
जरांगे ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार गंभीर नहीं है और भेजे गए प्रतिनिधि उनके मुद्दे का हल करने में सक्षम नहीं हैं. मनोज जरांगे आरक्षण के जरिए OBC कैटेगरी के तहत मराठों के लिए 10 फीसदी आरक्षण देने की मांग कर रहे हैं.
कुंबी जाति को दर्जा दिलाने की लड़ाई अब अंतिम चरण में- मनोज जरांगे
मनोज जरांगे का आरोप है कि सरकार केवल समय निकाल रही है और समिति को वास्तविक अधिकार नहीं दिए गए. उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त न्यायाधीश संदीप शिंदे का काम सरकार का प्रस्ताव (GR) जारी करना नहीं है. जरांगे ने साफ कहा कि मराठों को कुंबी (OBC) दर्जा दिलाने की लड़ाई अब अंतिम चरण में है.
प्रदर्शन स्थल पर भीड़ के कारण आसपास यातायात बुरी तरह प्रभावित रहा. कई प्रदर्शनकारी सड़क पर ही स्नान करते दिखे. जरांगे ने दोहराया कि मराठवाड़ा के मराठों को कुंबी घोषित कर आरक्षण मिलना चाहिए.
विपक्ष और सहयोगी दलों की प्रतिक्रिया
शरद पवार ने कहा कि आरक्षण की सीमा बढ़ाने के लिए संवैधानिक संशोधन जरूरी है. उन्होंने तमिलनाडु का उदाहरण देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने वहां 72% को मान्यता दी है. उद्धव ठाकरे ने प्रदर्शनकारियों को बुनियादी सुविधाएं न देने पर सरकार पर निशाना साधा और अपने कार्यकर्ताओं से मदद की अपील की.
इसी बीच प्रदर्शनकारियों ने शिकायत की कि पानी और शौचालय की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई. जरांगे ने बीएमसी प्रशासन पर जानबूझकर भोजन और पानी रोकने का आरोप लगाया. हालांकि बीएमसी ने सफाई दी कि उसने मैदान में कंकड़ डलवाए और जरूरी इंतजाम किए हैं.
क्या होगी आंदोलन की अगली राह?
जरांगे ने सरकार को चेतावनी दी कि अब “समुदाय की अंतिम लड़ाई” चल रही है. उनका कहना है कि 13 महीनों से समिति सिर्फ राजपत्रों का अध्ययन कर रही है, अब रिपोर्ट देने और आरक्षण का रास्ता साफ करने का समय है.
सरकार ने आंदोलनकारियों को भरोसा दिलाया है कि मुद्दों को सकारात्मक तरीके से हल किया जाएगा, लेकिन जरांगे ने साफ कहा है कि जब तक लिखित और ठोस आश्वासन नहीं मिलता, अनशन और आंदोलन जारी रहेगा.

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