Masik Shivratri 2025: महाशिवरात्रि के अलावा हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. ये दिन शिव जी को अत्यंत प्रिय है क्योंकि इस दिन शिव और शक्ति माता पार्वती का मिलन हुआ था. मासिक शिवरात्रि की पूजा करने वालों के हर संताप दूर होने की मान्यता है. जून 2025 मासिक शिवरात्रि बहुत दुर्लभ संयोग लेकर आ रही है. शिव भक्तों को इसका दोगुना लाभ मिलेगा आइए जानते हैं कब है ये व्रत और क्या महासंयोग बन रहा है.
जून 2025 मासिक शिवरात्रि
आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि का त्योहार 23 जून 2025 को मनाया जाएगा. मासिक शिवरात्रि का पर्व शिवभक्तों के लिए विशेष है. इस दिन भक्त व्रत रखते हैं, मंदिरों में जल और बेलपत्र अर्पित करते हैं, और “ॐ नमः शिवाय” का जाप करते हैं. जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति करना चाहते हैं तो मासिक शिवरात्रि व्रत आपके लिए बेहद फलदायी है.
आषाढ़ माह की चतुर्दशी तिति 23 जून 2025 को रात 10 बजकर 09 मिनट पर शुरू होगी और 24 जून को शाम 6 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी.
पूजा मुहूर्त – प्रात: 12.03 – प्रात: 12.44, 24 जून
जून मासिक शिवरात्रि पर महासंयोग
जून में मासिक शिवरात्रि के दिन ही सोमवार और प्रदोष व्रत का महासंयोग बन रहा है. ये तीनों ही व्रत शिव जी को अत्यंत प्रिय है, ऐसे में साधक की पूजा तीन गुना फल प्रदान करेगी.
मासिक शिवरात्रि पूजा का संपूर्ण विधि
पूजा से पहले की तैयारी: घर के मंदिर या किसी स्वच्छ स्थान पर गंगाजल से पवित्र करें. गोबर से लीपें, एक चौकी पर लाल या सफेद कपड़ा बिछाएं
शिव प्रतिमा: चौकी पर पार्थिव (मिट्टी) के शिवलिंग स्थापित करें.मां पार्वती और शिव जी की तस्वीर भी रख सकते हैं. पूजा का संकल्प लें.
जलाभिष: शिवलिंग पर जल चढ़ाएं. फिर पंचामृत दूध, दही, घी, शहद और गन्ने के रस से अभिषेक करें. फिर जल चढाएं और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें.
ये सामग्री चढ़ाएं: अभिषेक के बाद शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, फूल, अबीर, गुलाल, भांग, शमी पत्र, आक के फूल, चंदन चढ़ाएं. चावल और काले तिल का भी इस्तेमाल करें. मां पार्वती को सिंदूर चढ़ाएं. फिर धूप दीप और भोग लगाकर आरती करें.
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