मध्य प्रदेश सरकार के अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान ने आंगनवाड़ी में नौकरी दिलाने के नाम पर घूस लेने का आरोप लगाया है. शनिवार (26 जुलाई) को उन्होंने एक वीडियो शेयर किया जिसमें वे गंभीर आरोप लगाते हुए कहते हैं कि आंगनवाड़ी में नौकरी दिलाने के लिए कुछ बिचौलिए आदिवासी उम्मीदवारों से पैसे मांग रहे हैं.
यह मामला झाबुआ जिले का है, जहां मंत्री ने दावा किया कि महिला एवं बाल विकास विभाग के कुछ अधिकारी भी इस कार्य में शामिल हो सकते हैं. हालांकि, महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल महिला एवं बाल विकास विभाग ने 23 मई से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के 17,477 और सहायिकाओं के 2,077 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू की थी. यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन रखी गई है, जिसे पारदर्शी और बिना किसी मानव हस्तक्षेप के बताया जा रहा है. चौहान ने एक वीडियो बयान में कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि बिचौलिए नौकरी दिलाने के नाम पर आदिवासी महिलाओं से पैसे मांग रहे हैं.
मंत्री नागर सिंह चौहान की अपील
चार बार अलीराजपुर से विधायक रह चुके नागर सिंह चौहान ने आदिवासी वर्ग के अभ्यर्थियों से अपील की कि वे किसी भी व्यक्ति को नौकरी के लिए पैसे न दें. उन्होंने कहा कि अगर ऐसे किसी व्यक्ति द्वारा रिश्वत मांगी जाती है, तो उसकी शिकायत उचित मंच पर की जाए. चौहान ने यह भी आशंका जताई कि विभाग के कुछ कर्मचारी इस नेटवर्क का हिस्सा हो सकते हैं, जो आदिवासी इलाकों को निशाना बना रहे हैं.
मंत्री निर्मला भूरिया का खंडन
वहीं महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने पीटीआई को दिए बयान में कहा कि भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल और पारदर्शी है. उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने आंगनवाड़ी भर्ती को पूरी तरह ऑनलाइन किया है और अन्य राज्य इस मॉडल को अपनाने की दिशा में अध्ययन कर रहे हैं. भूरिया ने कहा, “अगर मंत्री चौहान को कोई शिकायत मिली है, तो वे उसे उचित फोरम पर रखें, लेकिन अब तक विभाग को ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है.”
MP: आंगनवाड़ी में भर्ती के लिए पैसे मांग रहे हैं बिचौलिए! मंत्री नागर सिंह चौहान का आरोप, जानें- पूरा मामला
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