MP News: मध्यप्रदेश के दतिया जिले से अंतिम संस्कार की अजीबो गरीब तस्वीर सामने आई है, जो सिस्टम की लापरवाही के साथ विकास के दावों की पोल खोलती हुई नजर आ रही है. जहां मौत के बाद महिला के मृत शरीर को मुक्ति के तिरपाल का सहारा लेना पड़ा. बारिश के मौसम में ये स्थिति और भी भयावह हो जाती है, जब दतिया में शासन की ओर से विकास के दावे किए जाते हैं.
दरअसल, दतिया जिले के भांडेर ब्लॉक की अस्टोट ग्राम पंचायत के मुरिया गांव में अवध कुंवर नामक महिला की मौत हो गई थी. अवध कुंवर के अंतिम संस्कार के दौरान तेज बारिश होने लगी. आग जलने में भी दिक्कत हुई, जिसके बाद अस्थाई ढांचा तैयार कर तिरपाल लगाकर चिता को बारिश से सुरक्षित किया गया. इसके बाद बारिश में खुद भींगकर परिजनों और ग्रामीणों ने महिला का अंतिम संस्कार किया.
78 साल बाद भी गांव में मुक्ति धाम नहीं
आजादी के 78 साल बाद भी इस गांव में एक मुक्ति धाम नहीं बन पाया है. बारिश से बचाव को लेकर कोई इंतजाम नहीं है. जिसके कारण बारिश में अगर किसी की मृत्यु हो जाए तो ग्रामीणों को अंतिम संस्कार के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
मुरिया गांव में श्मशान घाट तक नहीं
प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी का लम्बे समय तक शासन रहा है. दोनों दल प्रदेश में विकास के लंबे-चौड़े वादे करते हैं लेकिन असल तस्वीर बहुत भयावह हैं. विकास की बात छोड़िए मुरिया ग्राम में श्मशान घाट तक नहीं हैं.
कब बनेगा दतिया के मुरिया में मुक्तिधाम?
दतिया के मुरिया गांव में बरसात में या फिर बेमौसम बारिश में जब किसी की मौत हो जाती है तो ग्रामीणों को बरसाती या तिरपाल लगाकर अंतिम संस्कार करने की मजबूरी है क्योंकि उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है. गांव में मुक्तिधाम को लेकर ग्रामीण कई बार गुहार लगा चुके हैं. यहां मुक्ति धाम नहीं होने के संबंध में ग्राम पंचायत के सचिव ने प्रतिक्रिया दी है. वो मुक्ति धाम का एस्टीमेट तैयार होने की बात कहते हुए नजर आए.
MP: दतिया में तिरपाल के नीचे हुआ महिला का अंतिम संस्कार, बारिश ने खोली विकास के दावों की पोल
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