एमपी के दमोह में जेल में बंद एक फर्जी डॉक्टर ने मांग की है कि उसे जेल के अंदर रोजाना दूध और अंडा खाने दिया जाए और ये डिमांड उसने जेल पहुंचे जिला एवं सत्र न्यायाधीश के सामने की है. लेकिन जेल प्रबंधन ने उसकी इस मांग को सिरे से नकार दिया है.
दरअसल, क्रिश्चियन मिशनरी से संचालित दमोह की विवादास्पद मिशन अस्पताल में हार्ट सर्जरी के बाद सात मरीजों की मौत मामले में फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एन. जान केम दमोह जिला जेल में बंद है.
डॉ. केम पर कई मुकदमे दर्ज
डॉ. केम पर दमोह में हुई इन मौतों के आरोप के अलावा छत्तीसगढ़ में भी ऑपरेशन के बाद हुई मरीज की मौत मामले में मुकदमा दर्ज है. जिला जेल के अधीक्षक के मुताबिक, पिछले दिनों जिला कोर्ट के जिला एवं सत्र न्यायाधीश जेल के दौरे पर आए थे.
उन्होंने जेल में बंद कैदियों और बंदियों से पूछताछ की तो परेशानी के सवाल पर सिर्फ डॉ. केम ने हाथ खड़ा किया और मांग की कि उसे रोजाना दूध और अंडा दिया जाए, और तर्क दिया कि जेल में बंद रहने के दौरान उसका वजन कम हो रहा है.
छोटा जेल है और यहां अंडा नहीं आ सकता – अधीक्षक
वेट लॉस की शिकायत के साथ उसने अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई. अधीक्षक के मुताबिक, उन्होंने न्यायाधीश के सामने ही डॉ. को अंडा देने से इनकार कर दिया. जेल अधीक्षक के मुताबिक, ये छोटा जेल है और यहां अंडा नहीं आ सकता.
यदि एक बंदी के लिए अंडा बुलवाए गए तो बाकी बंदियों पर इसका असर पड़ेगा और व्यवस्था खराब होगी. उनके मुताबिक, जेल में जबसे डॉ. केम आए हैं तब से उनके नखरे हैं और जेल स्टाफ परेशान हो गया है. अब इस जिला जेल से डॉ. एन. जान केम को प्रदेश के किसी बड़े जेल में भेजने की प्रक्रिया भी की जा रही है.
दूसरे जेल में शिफ्ट करने की मांग
जेल ने डॉ. केम से परेशानी का ये पहला मामला नहीं है बल्कि जेल अधीक्षक ने कुछ दिन पहले ही जिला कोर्ट के सीजेएम को एक पत्र देकर बताया था कि डॉ. केम जेल नियमों का पालन नहीं कर रहा है और दैनिक क्रियाओं में दिक्कतें करने के साथ दूसरे बंदियों को भड़काने का काम करता है और इसे इस जेल से कहीं और शिफ्ट करने के आदेश करें.
हालांकि कोर्ट ने इस आवेदन पर कोई आदेश जारी नहीं किया और अब फिर ये नया मामला सामने आया है, जब कम होते वजन की शिकायत करते हुए डॉक्टर ने दूध और अंडे की डिमांड की है.
MP: दमोह जेल में फर्जी डॉक्टर की डिमांड, ‘हर रोज अंडा और दूध चाहिए’
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