MP में अजब कारनामा! 3 रुपये आय प्रमाण पत्र और शून्य आय का सर्टिफिकेट, जानें क्या है पूरा मामला?

by Carbonmedia
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सचमुच एमपी अजब है और यहां के सरकारी दफ्तर के कारनामे गजब है, ताजा मामला सतना जिले से आया है जहां कोठी और उचेहरा तहसील से जारी हुए इनका सर्टिफिकेट ने हैरान कर दिया. कोठी तहसील से रामस्वरूप नाम के मजदूर किसान को जारी हुआ इनकम सर्टिफिकेट महज तीन रुपये सालाना का तो वही उचेहरा तहसील से जारी हुआ आय प्रमाण पत्र ने सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए है, जिसमें अमदरी निवासी संदीप कुमार नामदेव पिता राम बहोर नामदेव को शून्य रुपये वार्षिक आय का प्रमाण पत्र जारी हुआ है.
कोठी तहसील और उचेहरा तहसील से जारी दोनों आय प्रमाण पत्र अब, सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है,वायरल प्रमाण पत्र चर्चाओं का विषय बन गया है जिसे देख कर सभी हैरान परेशान है, कि ये मजाक है या सच क्या किसी व्यक्ति की इतनी भी कम वार्षिक आय हो सकती है, जिसके मुताबिक दोनों ही देश के अनोखे गरीब साबित हो रहे है.
अधिकारी कर्मचारी जांच और कार्रवाई की कर रहे है बात
प्रमाण पत्र के मुताबिक वार्षिक आय तीन रुपये है जो महीने के 25 पैसे होते है, वही संदीप की आय ने चौंका दिया है. इतने कम आय के जारी प्रमाण पत्र से अब लोग सरकारी सिस्टम पर भी सवाल खड़े कर रहे है. हालांकि इस प्रमाण पत्र पर अधिकारी कर्मचारी जांच और कार्रवाई की बात कर रहे है.
कोठी तहसील के तहसीलदार ने नयागांव निवासी रामस्वरूप पिता श्याम लाल को आय प्रमाण पत्र जारी कर वार्षिक आय तीन रुपये प्रमाणित कर दी है. तहसीलदार सौरभ मिश्रा के प्रमाण पत्र के मुताबिक रामस्वरूप देश का अनोखा गरीब व्यक्ति है, जिसकी वार्षिक आय तीन रुपये है. राम स्वरूप का आय प्रमाण पत्र अब सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. जो 22 जुलाई 2025 को जारी किया गया है. जिसमें बकायदा कोठी तहसीलदार सौरभ द्विवेदी के हस्ताक्षर है.
कलेक्टर ने तहसील दार की ली क्लास
ताजा मामला प्रकाश में आने के बाद एक और दूसरा आय प्रमाण पत्र वार्षिक शून्य आय का है प्रकाश में आ गया जो संदीप कुमार नामदेव को 7/04/2025 को जारी हुआ था हालांकि मामला सुर्खियों में आने के बाद तहसीलदार ने फ़ौरन लिपिकीय त्रुटि का सहारा लेते हुए तीन रुपये वाला इनकम सर्टिफिकेट निरस्त कर नया इनकम सर्टिफिकेट जारी कर दिया है. दोनो ही मामले पर जब जिला कलेक्टर डॉक्टर सतीश कुमार यश से बात की तो जिला कलेक्टर ने तहसील दार सौरभ द्विवेदी और लोक सेवा केंद्र के संचालक की क्लास ली और जांच रिपोर्ट पेश करने की बात कही, साथ ही सम्बंधित मामले पर मीडिया को जानकारी देने को कहा तहसीलदार सौरभ द्विवेदी ने मामले पर लिपिकीय त्रुटि बताया है.
बड़ा सवाल ये है कि इस पूरे मामले पर जब पीड़ित किसान राम स्वरूप से बात की तो राम स्वरूप ने बताया कि उसने किसी तरह का कोई सर्टिफिकेट नहीं बनवाया ऐसे में मामला अब उलझ गया है आखिर इतने पढ़े लिखे अधिकारी कैसे कर सकते है, जिनकी कलम से सरकार पंक्ति के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को न्याय दिलाना की बात करती हे.वही कम पढ़े लिखे लोगों ने अधिकारी की इस लिपिकीय त्रुटि को पकड़ लिया और सोशल मीडिया की सुर्खियां बना दिया. वही अब पूरे मामले पर अधिकारी जांच कार्यवाही की बात कर रहे है

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