MP: CM मोहन यादव ने रीवा में बताई टूरिज्म पॉलिसी की ताकत, इन बड़े निवेशकों दिखाया इंट्रेस्ट

by Carbonmedia
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रीवा में आयोजित रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पर्यटन क्षेत्र को राज्य की आर्थिक प्रगति और युवाओं के लिए रोजगार का मजबूत जरिया बताया. कार्यक्रम में कुल 3,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले, जिससे विंध्य और आसपास के क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. सीएम ने कहा, “टूरिज्म भी एक इंडस्ट्री है, जहां से हजारों लोगों को रोजगार मिलता है. हम इस क्षेत्र में हर तरह की सुविधा देने के लिए तैयार हैं.”
बड़े निवेशकों ने दिखाया इंट्रेस्ट
कॉन्क्लेव में फ्लाईओला के एमडी राम ओला ने 700 करोड़ रुपये के निवेश की मंशा जताई. आरसीआरसीपीएल और विंध्य प्राइड के दिव्यांश सिंह बघेल, अमित दिग्विजय सिंह ने 500-500 करोड़ और संदड़िया बिल्डर्स के अजीत संदड़िया ने भी 300 करोड़ रुपये के निवेश का इरादा जाहिर किया.
इसके साथ-साथ जंगल कैंप इंडिया, राजस्थान फोर्ट एंड पैलेस, तथास्तु रिसॉर्ट्स, इको पार्क, सिद्धिविनायक कंस्ट्रक्शन जैसे कई बड़े निवेशकों ने भी 5 करोड़ से लेकर 150 करोड़ तक के निवेश प्रस्ताव दिए.
सरकार दे रही हर सुविधा
सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य में रातापानी टाइगर रिजर्व, सफेद बाघों की टाइगर सफारी और जल पर्यटन जैसे अद्भुत अवसर विकसित किए गए हैं. उन्होंने कहा, “मध्यप्रदेश में टूरिज्म सेक्टर सबसे तेजी से बढ़ा है, खासकर धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में.”
विंध्य क्षेत्र में नई परियोजनाओं की झलक
कॉन्क्लेव में पर्यटन स्थलों पर फिल्म प्रस्तुति और जमीन आवंटन की घोषणाओं ने निवेशकों को उत्साहित किया. अमरकंटक, चित्रकूट और मैहर जैसे धार्मिक और प्राकृतिक स्थलों के विकास पर केंद्रित योजनाओं की घोषणा हुई. अमरकंटक में प्रसाद योजना के तहत 50 करोड़, चित्रकूट में 36.84 करोड़ और मंदाकिनी नदी किनारे 27 करोड़ रुपये की परियोजनाएं शामिल हैं.
रोजगार और कौशल विकास पर फोकस
कॉन्क्लेव में शहडोल में 15.62 करोड़ की लागत से निर्मित फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट का लोकार्पण किया गया. यह संस्थान युवाओं को पर्यटन क्षेत्र में प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार के लिए तैयार करेगा. “हुनर से रोजगार तक” जैसी केंद्र सरकार की योजनाएं भी यहां लागू होंगी.
डिजिटल बुकिंग पोर्टल और वायु सेवा की शुरुआत
पर्यटन को डिजिटल रूप से जोड़ने के लिए ‘होम स्टे ऑनलाइन बुकिंग पोर्टल’ और ‘पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा’ को प्रमुखता दी गई. इन सेवाओं के माध्यम से अब MakeMyTrip, Yatra और EaseMyTrip जैसे प्लेटफार्मों पर भी बुकिंग संभव होगी. वहीं, भोपाल, रीवा, सतना और सिंगरौली जैसे शहरों को जोड़ने वाली वायु सेवा को IRCTC प्लेटफॉर्म से भी जोड़ा गया है.
कॉन्क्लेव में विभिन्न संस्थाओं के साथ एमओयू साइन किए गए. मंडला, सिंगरौली, सीधी जैसे जिलों में स्थानीय कला, हस्तशिल्प और महिलाओं के लिए आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए समझौते हुए. साथ ही, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र द्वारा रीवा के वेंकट भवन के संरक्षण के लिए भी करार किया गया.
सरकार का निवेशकों को खुला आमंत्रण
उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने रीवा की भौगोलिक सुंदरता और टाइगर सफारी की विशिष्टता पर जोर देते हुए कहा, “दुनिया की सारी सफारियां हमारे रीवा के आगे फेल हैं.” वहीं, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, “मध्यप्रदेश निवेशकों के लिए सबसे अनुकूल राज्य है, सरकार हर सहयोग के लिए तत्पर है.”
राज्य सरकार ने पर्यटन नीति 2025 के तहत निवेशकों को आकर्षक सुविधाएं देने की घोषणा की है. अनुमतियों की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाते हुए 30 दिन की जगह 10 दिन में स्वीकृति दी जा रही है. 100 करोड़ से अधिक निवेश पर 90 साल के लिए जमीन आवंटन की व्यवस्था है, साथ ही कैपिटल सब्सिडी भी दी जाती है.
फिल्म टूरिज्म से भी बढ़ेगा विकास
मध्यप्रदेश में अब तक 450 से अधिक फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है. प्रदेश की फिल्म टूरिज्म पॉलिसी 2025 में सिंगल विंडो सिस्टम, लोक सेवा गारंटी, और स्थानीय भाषाओं की फिल्मों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है. इससे न केवल पर्यटन बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार भी मिल रहा है.
ग्रामीण पर्यटन में महिलाओं की भागीदारी
ग्रामीण पर्यटन नीति के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में होम स्टे विकसित किए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर मिल रहे हैं. यह नीति समावेशी विकास की दिशा में एक मजबूत कदम मानी जा रही है.

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