Maharashtra News: मुंबई के मध्य रेलवे में फर्जी हस्ताक्षर और लेटरहेड के जरिए वीवीआईपी कोटे से टिकट कन्फर्म कराने के मामले में नया खुलासा हुआ है. जांच कर रही रेलवे पुलिस यानी कि जीआरपी को आरोपी चायवाले उर्फ रविंद्र साहू के बैंक अकाउंट से 4 लाख रुपये मिले हैं. ये रकम उसने रेलवे के बड़े अधिकारियों के फर्जी लेटरहेड और स्टैम्प का इस्तेमाल कर टिकट बुकिंग के जरिये जमा की थी.
रविंद्र रेलवे कैंटीन में वेटर का करता था काम
सभी सूत्रों के अनुसार, साहू ने यह अकाउंट एक प्राइवेट बैंक में खोला था. फिलहाल जीआरपी ने उसका बैंक अकाउंट को फ्रिज कर दिया है और यह पता लगाने में जुटी है कि यह रकम किन अकाउंट्स से ट्रांसफर हुई थी. हैरानी की बात ये है कि आरोपी रेलवे कैंटीन में मामूली वेतन पर वेटर के तौर पर काम करता था, लेकिन पैसों के लालच में उसने यह अवैध रास्ता अपनाया.
जांच में सामने आया है कि रविंद्र साहू को रेलवे के इमरजेंसी कोटा विभाग के कुछ कर्मचारियों का समर्थन प्राप्त था. सूत्रों ने दावा किया है कि जीआरपी इन संभावित मिलीभगतों की जांच कर रही है. इसी आधार पर मध्य रेलवे ने भी अपनी इंटर्नल जांच शुरू कर दी है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि टिकट कन्फर्म कराने की यह गड़बड़ी कैसे अंजाम दी जा रही थी और किन कर्मचारियों की इसमें भूमिका रही.इस मामले में जीआरपी ने स्लीपर टिकट विभाग के प्रमुख का बयान भी दर्ज कर लिया है. साथ ही जिन वरिष्ठ अधिकारियों के फर्जी लेटरहेड और सिग्नेचर का इस्तेमाल हुआ, उनके भी बयान लिए जा रहे हैं.
रेलवे सूत्रों का मानना है कि आने वाले दिनों में इस फर्जीवाड़े में कई और बड़े खुलासे हो सकते हैं. यह मामला सिर्फ एक वेटर तक सीमित नहीं लगता, बल्कि इसमें भीतर तक फैले नेटवर्क की आशंका है.
Mumbai: रेलवे में फर्जी लेटरहेड और टिकट स्कैम में बड़ा खुलासा, चायवाले के खाते से 4 लाख रुपये बरामद
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